शिष्टाचार" व्यवहार का नैतिक मापदंड एवं अनिवार्य अंग
*"शिष्टाचार" व्यवहार का नैतिक मापदंड एवं अनिवार्य अंग
*। यह जानकारी जनतंत्र की आवाज पत्रकार श्रीमान विनोद शर्मा को दी। शिष्टाचार जीवन का दर्पण है जिसमें हमारे व्यक्तित्व का स्वरूप दिखाई देता है। शिष्टाचार के माध्यम से ही मनुष्य का प्रथम परिचय समाज से होता है। अच्छा या बुरा, दूसरों पर कैसा प्रभाव पड़ता है। यह हमारे उस व्यवहार पर निर्भर करता है, जो हम दूसरे से करते हैं। शिष्ट व्यवहार का दूसरों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, दूसरों को सद्भावना, आत्मीयता और सहयोग की प्राप्ति होती है। साथ ही समाज में लोकप्रियता बढ़ती है। शिष्टाचार व्यवहार की वह रीति-नीति है, जिसमें व्यक्ति और समाज की आन्तरिक सभ्यता और संस्कृति के दर्शन होते हैं। परस्पर बात-चीत सम्बोधन से लेकर दूसरों की सेवा, त्याग, आदर भावनाएं तक शिष्टाचार के अन्तर्गत आ जाते हैं। शिष्टाचार हमारे आचरण और व्यवहार का एक नैतिक मापदण्ड है, जिस पर सभ्यता और संस्कृति का भवन निर्माण होता है। एक दूसरे की प्रति सद्भावना, सहानुभूति, सहयोग आदि शिष्टाचार के मूलाधार हैं। इन मूल भावनाओं से प्रेरित होकर दूसरों के प्रति नम्र, विनय-शील, संयम, आदरपूर्ण उदार आचरण ही शिष्टाचार है। मानव एक सामाजिक प्राणी है। अतः समाज के हिसाब से ही उसका आचरण होना चाहिए। "स्तुति किम न तुष्यते" अर्थात तारीफ किसे नहीं अच्छी लगती, मतलब सभी को अच्छी लगती है। तारीफ बटोरने का सबसे आसान तरीका है- "शिष्टाचार"। शिष्ट आचरण से हर कोई प्रभावित होता है। सम्मान पाना और देना ही तो शिष्टाचार का नाम होता है। शील, विनम्रता, दया और शिष्टाचार एक अच्छी व्यवहार वाले व्यक्ति के अनिवार्य लक्षण हैं। इसलिए एक अच्छा व्यवहार करने वाला व्यक्ति कभी भी गर्व या अभिमानी महसूस नहीं करता है और हमेशा दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखता है। अच्छे शिष्टाचार का अभ्यास करना और दिनभर इनका पालन करना निश्चित रूप से जीवन को पल्लवित करता है और जीवन में जीवन में गुणों का जोड़ देता है। हालांकि अच्छे शिष्टाचार के भीतर बेशुमार लक्षण हैं। ये अच्छे शिष्टाचार सभी के लिए आवश्यक हैं। अच्छे शिष्टाचार हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन में इनका महत्व सर्वविदित है। अच्छा तरीका दोस्तों के साथ एक प्रभावी बातचीत बनता है और साथ ही एक सार्वजनिक मंच पर एक अच्छी छाप छोड़ता है। यह हमें दिनभर सकारात्मक रहने में मदद करता है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को उनकी आदत में सभी संभव अच्छे शिष्टाचारों को शामिल करने में मदद करनी चाहिए। विनम्र और सुखद स्वभाव वाले लोग हमेशा बड़ी संख्या में लोगों द्वारा लोकप्रिय और सम्मानित होते हैं। जाहिर है, ऐसे लोग दूसरों पर चुंबकीय प्रभाव डाल रहे हैं। इस प्रकार, हमें अपने जीवन में हमेशा अच्छे व्यवहार का अभ्यास करना चाहिए। अच्छे शिष्टाचार हमेशा लोगों के साथ एक नई बातचीत का अवसर देते हैं और यह है आगे चलकर हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं। अगर कोई आपसे बुरी तरह से बात करता है, तो फिर भी उससे उसी तरह से बात न करें। उसे बदलने का मौका देने के लिए हमेशा अपनी सकारात्मक तरीके से उससे बात करें। शिष्टाचार का क्षेत्र उतना ही व्यापक है जितना हमारे जीवन-व्यवहार का। समाज में जहाँ-जहाँ भी हमारा दूसरे व्यक्ति से संपर्क होता है, वहीं शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है।घर में परिवार के छोटे से लेकर बड़े सदस्यों के साथ, सभी जगह तो हमें शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है, जहाँ तक एक से अधिक व्यक्तियों का संपर्क हो, वहीं शिष्टाचार की अपेक्षा रहती है। हमारा सम्पूर्ण जीवन, कार्य व्यापार, मिलना जुलना, सभी में शिष्ट व्यवहार की आवश्यकता पड़ती है। शिष्टाचार एक ऐसा सद्गुण है जिसे अभ्यास और आचरण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए किन्हीं विशेष परिस्थितियों या उच्च खानदान में जन्म लेने की आवश्यकता नहीं। किसी भी स्थिति का व्यक्ति प्रयत्नपूर्वक शिष्टाचार का अभ्यास जीवन में ढाल सकता है। इसके लिए संवेदनशीलता, हृदय की कोमलता आवश्यक है। ऐसे व्यक्ति का अपने व्यवहार और जीवन में जीवन क्रम में छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान रहता है, जिससे दूसरों को कोई दुःख महसूस न हो। किसी का दिल न दुखे। शिष्टाचार में दूसरों की भावनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है। शिष्टाचार हमारे जीवन का एक अनिवार्य अंग है। विनम्रता, सहजता सी वार्तालाप, मुस्कराकर जवाब देने की कला प्रत्येक व्यक्ति को मोहित कर लेती है। जो व्यक्ति शिष्टाचार से पेश आते हैं वे बड़ी-बड़ी डिग्रियां न होने पर भी अपने-अपने क्षेत्र में पहचान बना लेते हैं। हमें हर संभव तरीके से दूसरों के प्रति सहायक, विनम्र और नम्र होना चाहिए। हमें आवश्यकता पड़ने पर "क्षमा करें", "कृपया", "धन्यवाद", "माफ करें", और "समय की कामना" जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। हमें दूसरों की संपत्ति का सम्मान करना चाहिए और उपयोग करने से पहले हमेशा अनुमति लेनी चाहिए। विनम्र व्यवहार समुदायों और समाज की समग्र भलाई में योगदान देता है। जब लोग सामान्य शिष्टाचार का अभ्यास करते हैं, तो यह एक एकता, सहयोग और साझा मूल्यों की भावना पैदा करता है। यह विश्वास बनाने, संघर्ष को कम करने और एक सकारात्मक सामाजिक माहौल को बढ़ावा देने में मदद करता है जहाँ व्यक्ति मूल्यवान और सम्मानित महसूस करते हैं। विनम्रता शिष्टाचार का सबसे पहला गुण है। हमारी वाणी में और व्यवहार में विनम्रता होनी चाहिए। हमारे कर्म में भी विनम्रता होनी चाहिए। अपने यहाँ किसी के आने पर हमें उसका प्रसन्नता से स्वागत सत्कार करना चाहिए। बच्चों को अचछे शिष्टाचार सीखना उनके सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें दूसरों के साथ सकारात्मक रूप से बातचीत करने में मदद मिलती है। यह उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता में योगदान दे सकता है और एक अधिक विचारशील, दयालु समाज बनाने में मदद कर सकता है। अपने बच्चों को अपने दादा-दादी, माता-पिता और बड़ों का सम्मान करने के लिए कहें। उनसे बात करते समय विनम्र रहे और उनसे बात करते समय अच्छे शिष्टाचार का इस्तेमाल करें। याद रखें, बड़ों का सम्मान करना उनके मार्गदर्शन और दयालुता की लिए आभार और प्रशंसा दिखाने का एक तरीका है। शिष्टाचार एक आदमी के लिए आचरण या व्यवहार के नियम सीख कर, उसे समाज में रहने के लिए सक्षम बनाते हैं। अच्छे व्यवहार किसी व्यक्ति को विशिष्ट परिस्थितियों में व्यवहार, प्रतिक्रिया या कार्य करने का तरीका सीखते हैं। वे मानव जीवन के आवश्यक अंग हैं जिनके बिना मानव जीवन प्रगति और समृद्धि रुक सकती है। शिष्टाचार मनुष्य मानवीय गुणों का विकास करता है। मानसिक तनाव में मुक्ति और दैनिक जीवन के कार्य संपादन में कष्ट कठिनाइयों को कम करता है। जीवन में सुख, शांति और सौंदर्य बिखेरता है। शिष्टाचारी सर्वत्र आदर, सत्कार और सम्मान का पात्र बनता है। समाज उसे भद्र और कुलीन मानता है। शिष्टाचार व्यक्ति का आंतरिक गुण होता है, जिसके माध्यम से सभी के लिए दिल में एक अच्छी छवि का निर्माण किया जा सकता है। भले आप भौतिक रूप से सुंदर न हो, किन्तु आपका कुशल शिष्ट व्यवहार आपको सबका चहेता बना सकता है। भौतिक सुंदरता तो क्षणभंगुर होती है, परन्तु आपकी व्यावहारिक सुंदरता आजीवन के साथ निभाती है। अच्छे शिष्टाचार समाज में प्रत्येक के लिए महत्वपूर्ण है। ये निश्चित रूप से हमें लोकप्रियता और जीवन में सफलता पाने में मदद करते हैं। क्योंकि किसी को भी शरारत और दुर्व्यवहार पसंद नहीं होता है। अच्छे शिष्टाचार समाज में रहने वाली लोगों के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है। जीवन में अच्छे शिष्टाचार बहुत आवश्यक है, क्योंकि वे हमें समाज में अच्छा व्यवहार करने में मदद करते हैं। अच्छे शिष्टाचार हमें सार्वजनिक स्थान पर लोगों का दिल जीतने में मदद करते हैं। इसलिए एक अच्छा और शिष्ट व्यवहार एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाने की क्षमता रखता है। *शीश राम यादव (अध्यापक) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, महावा (नीमकाथाना* )
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