कलक्टर असावा का वंचित, जरूरतमंद, निर्धन पात्र बच्चों और व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का अभियान



कलक्टर असावा का वंचित, जरूरतमंद, निर्धन पात्र बच्चों और व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का अभियान




मिशन मोड पर पेंशन योजनाओं का शेष वेरीफिकेशन पूर्ण करें, पालनहार में समस्त वंचित बच्चों को जोड़ें :जिला कलक्टर


एक भी पात्र व्यक्ति की पेंशन रुकी तो तय होगी जवाबदेही :जिला कलक्टर


बुधवार शाम जिला मुख्यालय से ब्लॉक लेवल तक के अधिकारियों की वीसी लेकर दिए दिशा-निर्देश  


फ़ोटो संलग्न


राजसमंद 6 नवंबर। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में समस्त वंचितों को जोड़ने, पेंडिंग वेरीफिकेशन शीघ्र से शीघ्र पूर्ण करने तथा पालनहार योजना में हर वंचित पात्र अनाथ बच्चे को जोड़ने को लेकर प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। इसके लिए वे लगभग डेढ़ महीने से निरंतर प्रयासरत हैं और लगातार समीक्षा कर रहे हैं जिसकी बदौलत निरंतर प्रगति बेहतर होती जा रही है। उनका प्रयास है कि आगामी 10 दिनों में यह कार्य शत प्रतिशत पूरा हो जाए और कोई भी पात्र वंचित न रहे।


जिला कलक्टर असावा के इस अभियान के तहत लंबित कार्यों को निपटाने सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा के लिए उन्होंने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बुधवार शाम को ली जिसमें एडीएम, श्रम कल्याण अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक, सभी एसडीओ, बीडीओ, नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी, सीबीईओ आदि जुड़े।


जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि पालनहार के संबंध में पात्र बच्चों को फ़ॉर्म ऑनलाइन करते समय यह देखें कि सभी उपयुक्त डॉक्युमेंट अटैच हो ताकि किसी लापरवाही का खामियाजा बच्चे को न भुगतना पड़े। डॉक्युमेंट के अभाव में कई बार आवेदन निरस्त होते हैं जो ठीक नहीं है। निर्धन वर्ग के प्रति संवेदनशील रहते हुए हमें कार्य करना होगा। एक भी पात्र बच्चा वंचित नहीं रहना चाहिए।


ऐसे ही उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के पेंडिंग वेरीफिकेशन का कार्य तेज गति से करते हुए पेंडेंसी क्लियर करने के निर्देश दिए। सभी बीडीओ से कहा कि अनावश्यक तकनीकी कारण बताते हुए आवेदनों को न लटकाएं और अगले दस दिन में सभी क्लियर करें। कई निर्धन लोग ऐसे हैं जिनका जीवन इसी सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर चलता है, इसलिए संवेदनशील रहें, प्रोएक्टिव रह कर कार्य संपादित करें।


अगर किसी जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति की पेंशन अधिकारी की लापरवाही से बिना वेरिफिकेशन के बंद हो गई तो जवाबदेही तय होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को मृत बता कर पेंशन बंद की गई है उनका सर्वे-सत्यापन भी सभी बीडीओ करें और देखें कि क्या किसी जीवित व्यक्ति को गलती से मृत तो नहीं बताया दिया गया है? इस पर सभी बीडीओ ने अब तक हुई जांच की प्रगति से वीसी में जिला कलक्टर को अवगत कराया, जिस पर कलक्टर ने पेंडिंग जांच शीघ्र पूर्ण कर प्रमाण पत्र भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी जीवित व्यक्ति को मृत बताया कर पेंशन बंद की गई है तो वेरिफिकेशन करने वाले अधिकारी को इस संबंध में चार्जशीट सौंपी जाएगी, क्योंकि हम किसी पात्र से उसका हक नहीं छीन सकते।


दिव्यांग प्रमाण पत्र हेतु आवेदनों के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ब्यौरा प्रस्तुत किया, जिस पर कलक्टर ने कहा कि चार-पाँच ग्राम पंचायतों पर एक कैंप आयोजित कर टीम को गांवों में भेजें और आवेदक से मिल कर उसकी जांच करें और अगर वह दिव्यांग है तो प्रमाण पत्र जारी करें। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक भी शिविर में पहुंचेंगे। कलक्टर ने यह भी कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करते समय पूरी जांच ठीक से कर लें और निष्ठा से यह कार्य पूर्ण करें। कलक्टर ने ऑटो स्वीकृत पेंशनों की पोस्ट ऑडिट का कार्य भी शीघ्र से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। 


बाल दिवस पर होगा विशेष कार्यक्रम :


जिला कलक्टर ने यह भी बताया कि 14 नवंबर को बाल दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें पालनहार योजना से पात्र बच्चों को लाभान्वित जाएगा और प्रशासन प्रयास करेगा कि इस दिन तक जिले में एक भी पात्र अनाथ बच्चा इस योजना से वंचित न रहे। इसके अलावा स्कॉलरशिप संबंधी योजनाओं से भी बड़ी संख्या में बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। इसमें श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। कार्यक्रम में सामान्य ज्ञान से जुड़े पुस्तिका का विमोचन कर बच्चों में वितरण किया जाएगा।  


पालनहार योजना में इस तरह मिलता है लाभ :


पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्‍चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्‍थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्‍छुक व्‍यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्‍य आवश्‍यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता उप निदेशक जय प्रकाश चारण ने बताया कि योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माताध्यिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की संतान पात्र हैं।


अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह लाभ लाभ मिल रहा है। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह लाभ का लाभ 

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