निर्धारित समय में परिवेश पोर्टल पर फ़ॉर्म अपलोड नहीं होने पर खनन पट्टाधारक पर होगी कार्यवाही* *अधीक्षण खनिज अभियंता ने खनन पट्टाधारियों की बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश*
*निर्धारित समय में परिवेश पोर्टल पर फ़ॉर्म अपलोड नहीं होने पर खनन पट्टाधारक पर होगी कार्यवाही*
*अधीक्षण खनिज अभियंता ने खनन पट्टाधारियों की बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश*
*राजसमंद/ जनतंत्र की आवाज/ पुष्पा देवी*
*राजसमंद, 22 नवम्बर।*
माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश के तहत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 14 अक्टूबर 2024 को ओएम जारी किया गया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि 15 जनवरी 2016 से 11 दिसंबर 2018 के बीच डीईआईएए द्वारा जारी सभी पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) का एसईआईएए द्वारा 7 नवम्बर 2024 तक री-अप्रैजल किया जाना अनिवार्य था।
यदि कोई खनन पट्टाधारक इस तारीख तक एसईआईएए से ईसी का री-अप्रैज़ल प्राप्त नहीं करता, तो 7 नवम्बर 2024 के बाद वे खनन कार्य करने के लिए अनुमत नहीं होंगे और उनकी ईसी अवैध मानी जाएगी। इस मामले में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में पुनः परीक्षण के लिए समय बढ़ाने की प्रार्थना की थी, जिसे माननीय एनजीटी ने अस्वीकार कर दिया था। बाद में, खनिज विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय से समय सीमा बढ़ाने की गुहार लगाई, जिस पर 12 नवम्बर 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने परिवेश पोर्टल पर फॉर्म 2 आवेदन करने की समय सीमा को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया और डीईआईएए द्वारा जारी सभी ईसी को 31 मार्च 2025 तक वैध माना गया।
इस संबंध में, शासन के निर्देशों के तहत अधीक्षण खनिज अभियंता राजसमन्द ने खनन पट्टाधारियों की बैठक आयोजित की, जिसमें विभिन्न एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों, आर.क्यू.पी. और खनि अभियंताओं ने भाग लिया। बैठक में खनन पट्टाधारियों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन समय अवधि में करने के निर्देश दिए गए।
अधीक्षण खनिज अभियंता ने सभी पट्टाधारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शेष फॉर्म 2 को निर्धारित समय सीमा के भीतर परिवेश पोर्टल पर अपलोड किया जाए, अन्यथा संबंधित पट्टाधारकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, पट्टाधारियों को विभागीय बकाया योजना का लाभ देने के बारे में भी बताया गया।
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