कला धरोहर” श्रृंखला के तहत दो दिवसीय मीरा भजन कार्यशाला
उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपुर में संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के तत्वावधान में संत मीराबाई की 525 वीं जयंती के अवसर पर “कला धरोहर” श्रृंखला के तहत दो दिवसीय मीरा भजन कार्यशाला का
शुभारंभ 11 सितंबर बुधवार को मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन से हुआ। प्राचार्य प्रो डॉ दीपक माहेश्वरी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विद्यार्थियों को कला का महत्व बताया और अपनी रुचि के अनुसार कोई भी कला को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया ।
पुणे की प्रतिष्ठित कलाकार सानिया पाटनकर ने विद्यार्थियों को सर्वप्रथम रियाज की बारीकियों से अवगत कराते हुए तीनों सप्तकों में स्वरों का अभ्यास, और स्वरों के लगाव का तरीका बताया । साथ ही संत शिरोमणि मीराबाई के भजन “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो” सिखाया और भजन गायकी में स्वर के लगाव और बारीकियां से भाव उत्पन्न की प्रक्रिया से अवगत करवाया ।
कार्यक्रम में हारमोनियम पर माधव ने संगत करते हुए ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि बताई और बारीकियों से अवगत कराया । तबले पर कार्तिक स्वामी ने संगत की एवं तबले की रचना और भजन ठेके की जानकारी दी।
कार्यशाला में एम एम पी एस, सी पी एस स्कूल और मीरा महाविद्यालय के लगभग 100 विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
कार्यशाला के दूसरे दिन कृष्णा दांत्या, दुष्यंत चारण, लव कुमार, किरण डांगी,कविता लोहार, परम त्रिवेदी, पायल राजपूत, विशाल राठौड़ के द्वारा मीरा भजन की प्रस्तुति सुन कर सानिया पाटनकर ने मंच पर पर प्रस्तुति देते समय ध्यान रखने वाली बिंदुओ की जानकारी दी ।
कार्यशाला में संगीत नाटक अकादमी की “कला धरोहर” श्रृंखला की जानकारी देते संयोजिका लाजवंती बनावत ने दो दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा बताई। विलास जानवे ने कलाकारों का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर वैशाली देवपुरा व कौशल सोनी ने किया एवं धन्यवाद कौशल सोनी ने ज्ञापित किया। कार्यशाला में डॉ अशोक सोनी, डॉ भावना आचार्य, डॉ मंजू फडिया, डॉ सरोज कुमार, डॉ भवशेखर, सुनीता आर्य, प्रिया सोलोमन , शिवे शर्मा आदि संकाय सदस्य उपस्थित थे।
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