शोक संदेश*
*शोक संदेश*
"भक्तमाल" ग्रंथ की रचना नाभा जी महाराज ने की थी रेवासा (जिला सीकर) के परम श्रद्धेय अग्रपीठाधीश्वर १००८ स्वामी राघवाचार्य वेदांती महाराज का पार्थिव देहत्याग हम सब के लिए अति वेदनादायक और अपूरणीय क्षति है। वे वैष्णव रामानंदी संप्रदाय के एक महान संत, और परम विद्वान थे।आप पापड़ वाले हनुमान जी मंदिर में भी यथा अवसर पधारते थे ।उनके आश्रम में एक वैदिक संस्कृत विद्यालय, गौशाला, और एक अस्पताल संचालित है। सत्य-सनातन-धर्म के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के लिए आपका जीवन समर्पित था। उनसे अनेक बार सत्संग हुआ था। वे "विश्व हिन्दू परिषद" के मार्गदर्शक मण्डल में भी थे। उनकी पवित्र व प्रेरणादायक स्मृति को नमन और श्रद्धांजलि।
अग्रपीठाधीश्वर विद्वद्वर स्वामी श्रीराघवाचार्य जी महाराज के साकेतगमन से साधुसमाज एवं सनातनी भक्त वृंद कोअपूरणीय क्षति हुई है।
उनके पादपद्मों में कोटि-कोटि नमन। जय श्रीसीताराम॥
*राम सेवक दास*
महामंडलेश्वर,श्री पापड़ वाले हनुमान जी, विद्याधर नगर जयपुर
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