पिता से अबोध बच्ची छीनने और कूटरचित दस्तावेज़ तैयार करने पर तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ एफआईआर पेश आईजी ने दिए सी.ओ पूर्व को जांच करने के आदेश पिता का आरोप - अधिकारी आरोपी दलपत सिंह राठौड़ को बचाना चाहते है और रिपोर्ट उठाने का दबाव बना रहें है ।

दिना से अबोध बच्ची छीनने और कूटरचित दस्तावेज़ तैयार करने पर तत्कालीन थानाधिकारी के खिलाफ एफआईआर पेश


आईजी ने दिए सी.ओ पूर्व को जांच करने के आदेश


पिता का आरोप -  अधिकारी आरोपी दलपत सिंह राठौड़ को बचाना चाहते है और रिपोर्ट उठाने का दबाव बना रहें है ।







उदयपुर// उदयपुर की सुरजपोल थाना पुलिस ने एक पिता से एसडीएम गिर्वा के नाम का कूटरचित आदेश तैयार कर नाबालिग बच्ची को छीनने पर पिता ने तत्कालीन थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ व अन्य 3 आरोपियों के विरुद्ध एसपी और आईजी को एफआईआर करने के लिए परिवाद पेश किया। आईजी ने सी.ओ पूर्व छगन पुरोहित को परिवाद के तथ्यों की जांच करने के आदेश दिए है । मामला इस प्रकार है की सुरजपोल थाना शेत्र के निवासी आशीष शर्मा का अपनी पत्नी श्रीमती पायल शर्मा से घरेलू विवाद चल रहा था और दोनों अलग अलग निवास कर रहे थे, इस दौरान आशीष शर्मा की पुत्री सुश्री आध्या शर्मा अपने पिता के पास ही रह रही थी और वही उसकी पालन पोषण कर रहा था। दिनांक 12/03/2023 को सुरजपोल थाने पर बुलवाते है तथा पीड़ित के थाने में जाते ही उससे उसकी बच्ची तत्कालीन थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने छीन लिया जाता है और उसे अवैध तरीके से हवालात में बंद कर देते है । थानाधिकारी दलपत सिंह पीड़ित पिता को अपहरण का मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर एक कागज दिखाते है की एसडीएम न्यायालय, गिर्वा ने जारी 97 Crpc का वारंट भेजा हैं, इसलिए बच्ची अब तुम्हारे पास नही रहेगी। फिर 5 वर्षीय सुश्री आध्या शर्मा को उसके पिता आशीष शर्मा को हवालात में बंद करके थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने उसकी पत्नी पायल शर्मा व् उसके पुरुषमित्र शैलेंद्र शर्मा को देकर रवाना कर दिया। उसके बाद पीड़ित पिता को दिनांक 26/03/2023 को सुरजपोल थाना पुलिस ने पाबंद कर दिया, पाबंद के इस्तगासा में भी पुलिस ने एसडीएम गिर्वा के द्वारा जारी 97 crpc के वारंट व पुलिस द्वारा दस्तियाब कर बच्ची को सुपुर्दगी का उल्लेख भी किया हैं। 

पीड़ित पिता आशीष शर्मा नें  ऐसे वारंट व कार्यवाही की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 मे  जानकारी मांगी थी  तो सामने आया की एसडीएम गिर्वा कार्यालय से  कोई ऐसा वारंट जारी नही किया है । बच्ची को छीनने  के लिए पुलिस ने कुटरचित  आदेश तैयार किया हैं , सुरजपोल थाने के तत्कालीन थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने पायल शर्मा के साथ मिलकर एसडीएम न्यायालय गिर्वा के नाम का कूटरचित दस्तावेज करके एक पिता से उसकी नाबालिग बच्ची छीन ली। पुलिस ने मोटी रकम लेकर श्रीमती पायल शर्मा और उसके पुरुष मित्र शैलेंद्र शर्मा ने षड्यंत्र करके एक पिता से उसकी नाबालिग बच्ची को छीनने का अपराध किया है । पीड़ित पिता ने कहा की सुरजपोल पुलिस और एसपी योगेश गोयल इस अपराध में दलपत सिंह राठौड़ को बचाने में लगे है और जानबुझकर एफआईआर दर्ज नही करना चाहते है । संज्ञेय अपराध में एफआइआर दर्ज नही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अलग से मुक़दमा दर्ज़ और हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर की जाएगी । पीड़ित पिता ने कहा कि अगर पुलिस में दोषियों  के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया तो आंदोलन की राह पर उतरेगा!


 

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