मुनिश्री का पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट सहित हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान
मुनिश्री का पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट सहित हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान
उदयपुर, 12 अगस्त। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के प्रवचन एवं विविध आध्यात्मिक व धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न हो रही है।
कार्यक्रम संयोजक दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत ने बताया कि सोमवार को मुनिश्री का पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्जवलन शांतिलाल गदावत, मांगीलाल वकावत व अर्घ समर्पण बृजलाल पंचोली, दिनेश लुणदिया ने किया। धर्मसभा के पूर्व शंतिधारा, अभिषेक, शास्त्र भेंट, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन जैसे मांगलिक आयोजन हुए। मंगलाचरण संगीता पंचोली द्वारा किया गया। शाम को सभी श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ की आरती की। बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में गमेर बाग धाम में श्रावक श्राविकाओं ने संगीतमयी भक्तिभाव के साथ भक्ति नृत्य किये और शारीरिक रोग, मन शोक, पीड़ा, गृह क्लेश निवारण, नवग्रह गृह सुख शांति समृद्धि धन, व्यापार लाभदायक ऋषि मुनियों की आराधना की।
सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी श्रुतधरनंदी ने कहा कि जीवन की यात्रा बहुत विचित्र है यात्रा करते - करते मनुष्य अब तक थका नहीं है पाश्र्वनाथ भगवान को 10 भव लग गए मोक्ष प्राप्ति को- अगर पाश्र्वनाथ बनना है तो समता को धारण होता है। जिदंगी में पैसा नहीं, व्यवहार कमाओ, श्मशान में 4 करोड़ नहीं, 4 लोग ही छोडऩे आऐंगे। आप हर जगह मंदिर, बाजार, दुकान घर आदमी में अपनी मर्जी से जाओगे, परन्तु शमसान में 4 आदमी की मर्जी से जाओंगे। जो पैसा पुण्य से मिला है इसका दुरपयोग करोगे तो नियम से नरक में जाओगे। एक पापी व्यक्ति हजारों लोगों को पापी बना देता है, एक धर्मात्मा व्यक्ति हजारों लोगों की धर्मात्मा बना देता है। भगवान महावीर की वाणी सुनो मत अन्दर उतारो। भावना भवों का नाश करती है, इसलिए हमेशा अच्छी भावना भानी चाहिए। अच्छा दिखने के लिए मत जीए अच्छा जीवन जीने के लिए जीयों। प्रतिपल हमारी पर्याय बदलती है इसलिए पर्याय बदलने से पहले परिणाम बदल देना चाहिए। जैन दीक्षा मजबूरी का विषय नहीं मजबूती का है। निगोद में एक बार श्वास लेने पर जितने समय लगता है उतने समय में 18 बार जन्म और मरण होता है।
चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा व पुष्कर भदावत ने बताया कि गमेर बाग धाम में शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या 14 अगस्त बुधवार को शाम 7 बजे से एक शाम देश के नाम विराट भक्ति संध्या का आयोजन होगा। जिसमें देश भक्ति, धार्मिक गीतों पर आधारित नृत्य, नाटक प्रतियोगिता का आयोजन होगा। जिसमें सब जूनियर वर्ग 5 से 12 वर्ष तक की आयु वर्ग, जुनियर वर्ग 13 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग एवं सीनियर वर्ग 19 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रावक-श्राविकाएं अलग-अलग गु्रप बनाकर भाग लेंगे। आयोजन को लेकर संयोजकीय टीम का गठन किया गया जिसमें राजेश गदावत, रविश मुण्डलिया, विजय गदावत, भूपेन्द्र मुण्डफोड़ा का जिम्मेदारियों सौंपी गई। विजेता प्रतिभागियों को अलग-अलग नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
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