प्रतिदिन जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन का हो रहा व्याख्यान

 - प्रतिदिन जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन का हो रहा व्याख्यान


उदयपुर 12 अगस्त। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा का चातुर्मास की धूम जारी है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि सोमवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। वहीं सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन महाभारत ग्रंथ की पूजा-अर्चना की

महासभा अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन में बताया कि जगत के सभी जीवों को सुखी होने की इच्छा है सभी जीव सुखी होने के लिए मेहनत भी कर रहे है परन्तु सुख की सच्ची दिशा क्या है? यह समझ नहीं होने के कारण लाख प्रयत्न करने पर भी जीव सुखी नही हो सकता है। दु:ख किन कारणों से आता है? विचार किए बिना इसे दूर करने की मेहनत कर रहा है परन्तु इससे परिणाम नहीं आएगा, दु:ख दूर नही होगा। जिस प्रकार मलेरिया, टाइफाइड, कैंसर या टी. बी. किस कारण से बुखार आ रहा है, यह निदान किए बिना मात्र बुखार की दवा लेने से सही होने की बजाए और बढ़ता ही जाएगा। इसी प्रकार के दुख के उद्गम स्थान दु:ख के कारण पर विचार किए कभी बिना उसे दूर करने का प्रयत्न करने से दु:ख भी दूर नहीं होगा।

चातुर्मास संयोजक अशोक जैन व प्रकाश नागोरी ने बताया कि चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे आचार्य हितवर्धन सुरश्वर द्वारा जैन महाभारत पर रोचक प्रवचन हो रहे है। इस अवसर पर तेजसिंह बोल्या, कुलदीप नाहर, अशोक जैन, प्रकाश नागोरी, सतीस कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या आदि मौजूद रहे।

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