उदयपुर शहर के ख्यात नाम उद्घोषक एवं लेखक ने अपनी लेखनी को इस प्रकार घर-घर तिरंगा मुहिम के साथ प्रस्तुत किया है।
उदयपुर जनतंत्र की आवाज। 15 अगस्त में मात्र एक दिन शेष है। उदयपुर शहर के ख्यात नाम उद्घोषक एवं लेखक ने अपनी लेखनी को इस प्रकार घर-घर तिरंगा मुहिम के साथ प्रस्तुत किया है।
गीत
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा , घर घर तिरंगा ।
प्राणों से भी प्यारा हमारा तिरंगा।।
हमारे देश की पहचान है तिरंगा ,
हमारा स्वाभिमान है तिरंगा ।
इस तिरंगे में लिपटी हुई कुर्बानी ,
हर रंग याद दिलाता है तिरंगा ।।
केसरिया रंग प्रतीक है वैभव का ,
और श्वेत रंग चिन्ह है शांति का ।
हरे रंग में हरियाली हुई है छायी ,
चक्र चलने का देता संदेश तिरंगा।
आजादी के पर्व पर लहराएं तिरंगा
गणतंत्र की वेला पर लहराएं तिरंगा
अमृत महोत्सव की शुभ वेला पर
घर घर तिरंगा , हर घर तिरंगा ।
भारत की अनुपम शान है तिरंगा
भारत का गौरव गान है तिरंगा।
इसकी रक्षा खातिर हम सब ,
जान झोंककर भी लहराएं तिरंगा।
आओ तिरंगे की रक्षा खातिर ,
संकल्प लें हम सब भारतवासी।
एक रहें नेक रहे सब मिलके एक
सदियों तक लहराता रहे प्यारा तिरंगा
हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा
प्राणों से भी प्यारा हमारा तिरंगा।।
डॉ इन्द्र प्रकाश श्रीमाली,
उदयपुर ।
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