सुविवि- गहन नैदानिक मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की कौशल विकास कार्यशाला
सुविवि- गहन नैदानिक मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की कौशल विकास कार्यशाला
उदयपुर जनतंत्र की आवाज। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत गहन मनोवैज्ञानिक परीक्षण प्रशिक्षण विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया| आयोजन सचिव डॉ वर्षा शर्मा, सहायक आचार्य मनोविज्ञान विभाग ने बताया कि कार्यशाला के प्रथम दिवस में उद्घाटन सत्र में स्वागत उद्बोधन विभाग के इंचार्ज अध्यक्ष डॉ. तरुण कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे आर्ट्स कॉलेज के डीन प्रो. हेमंत द्विवेदी ने इस तरह की कार्यशाला को वर्तमान परिपेक्ष में अति महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक बताया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर राधेश्याम मनोविज्ञान विभाग एम. डी. यूनिवर्सिटी, रोहतक हरियाणा ने कहा कि इस तरह के कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य मनोविज्ञान के विद्यार्थियों एवं मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रोफेशनल्स की कौशल में बढ़ोतरी करना है। कार्यशाला की विशिष्ट अतिथि प्रो. विजयालक्ष्मी चौहान, अध्यक्ष एकेडमी ऑफ़ वेल बीइंग सोसाइटी ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परीक्षण करते समय संबंधित व्यक्ति के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश को ध्यान में रखना अतिआवश्यक है। सामाजिक विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. पी.एम. यादव ने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्यशालाएं वर्तमान समय में मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को सहायता पहुंचने में सहायक सिद्ध होगी। द्वितीय तकनीकी सत्र की मुख्य वक्ता नैदानिक मनोविज्ञानी दीपिका मीणा ने प्रक्षेपी तकनीको की सहायता से मानसिक व्याधियों के डाइग्नोसिस की प्रक्रिया को विस्तार पूर्वक समझाया। द्वितीय दिवस पर तकनीकी सत्र मनोविज्ञानी डॉ प्रीति शर्मा , अनंता मेडिकल हॉस्पिटल ने डब्ल्यू. आई. एस . सी. की बारीकियों को समझाया। दो दिवसीय इस कार्यशाला के विभिन्न तकनीकी सत्रों में प्रतिभागियों ने मानकीकृत मनोवैज्ञानिक परीक्षण डब्ल्यू ए आई एस, मिसिक, टी. ए. टी., सी. ए. टी. , डब्ल्यू. आई. एस . सी., एस. आई. एस. तथा बी. वी. जी. टी. का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला में डॉ रश्मि सिंह, डॉ. हेमा कुमारी मेहर, डॉ रमेश बागड़ी ,हनुमंत देवड़ा उपस्थित थे । कार्यशाला में लगभग 70 से अधिक प्रतिभागी लाभान्वित हुए।
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