आयड़ जैन तीर्थ में अनवरत बह रही धर्म ज्ञान की गंगा
आयड़ जैन तीर्थ में अनवरत बह रही धर्म ज्ञान की गंगा
उदयपुर, 25 जुलाई। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोवन की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टाधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा का चातुर्मास की धूम जारी है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि गुरुवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। वहीं सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन महाभारत ग्रंथ की पूजा-अर्चना की। आयड़ तीर्थ में 80 तपस्वी बीस विहरमान तप की तपस्या कर रहे है जो निरंतन 40 दिनों तक चलेगी। बीस विहरमान तप करने तपस्वियों का सामूहिक पारणा गया गया।
महासभा अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन में बताया कि जैन महाभारत में काई भी बात काल्पनिक नहीं बताई गई। सारी बात वस्तुस्थित परक ही बनाई गई है। यह महाभारत 86 हजार से कुछ ज्यादा साल पहले बनी हुई घटना है। पाण्डव एवं कौरव दोनो प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ प्रभु की वंश परम्परा में हुए वे जैन थे। एलोपेथी दवा खाने मेें साधु का पहला महाव्रत नहीं टूटता इसलिए एलोपेथी दवा लेते है मगर मोबाईल में बोलने से साधु का पहला महाव्रत टूटता है। अत: हम मोबाईल में नहीं बोलते मोबाईल से दूर रहने पर चर्चा की। उन्होने कहां कि धर्म प्रभु की आज्ञानुसार ही कर सकते है, जमाने के अनुसार धर्म के नियम नहीं बदल सकते है। आचार्य के प्रवचन में करीब 250 से 300 श्रावक-श्राविकाएं प्रतिदिन धर्म लाभ ले रहे है। चातुर्मास संयोजक अशोक जैन व प्रकाश नागोरी ने बताया कि चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे आचार्य हितवर्धन सुरश्वर द्वारा जैन महाभारत पर रोचक प्रवचन होंगे वहीं प्रत्येक रविवार को सुबह 9.30 से 11 बजे तक अलग-अलग करन्ट विषयों पर आचार्य के प्रवचन हो रहे है।
इस अवसर पर सतीस कच्छारा,राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या आदि मौजूद रहे।
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