प्रणव प्रणेता यें-प्राणायाम के पंचप्राण,है मोदी राष्ट्रमान राणा का था मान केसरी, से गूँजा काव्य संगम



 प्रणव प्रणेता यें-प्राणायाम के पंचप्राण,है मोदी राष्ट्रमान

राणा का था मान केसरी, से गूँजा काव्य संगम


 उदयपुर जनतंत्र की आवाज। राजराजेश्वरी फाउंडेशन (परमार्थिक सृजनात्मक न्यास) द्वारा काव्य समागम कार्यक्रम के अंतर्गत महाराणा प्रताप जयंती एवं प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण के अवसर पर राजस्थान के कवियों द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में ऑनलाइन काव्य संगम का आयोजन किया गया।

संस्था की संस्थापक -निदेशक स्वाति चौहान ने बताया कि महाराणा प्रताप की जन्म जयंती एवं नरेन्द्र मोदी के अनवरत तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के शुभ संयोग एवं प्रसन्नता में कवियों ने हुंकार भरी।

 कार्यक्रम के अध्यक्षता पूर्व प्रोफेसर के.के. शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि एम स्क्वायर इवेंट के फाउंडर मुकेश माधवानी एवं फिल्म निर्माता निर्देशक चिन्मय भट्ट के आतिथ्य में काव्य संगम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न कवियों ने महाराणा प्रताप एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में काव्य सृजन किया।

कार्यक्रम में विजयलक्ष्मी देथा, पुष्कर गुप्तेश्वर ,प्रमोद सनाढ्य,जगदीश तिवारी,आशा पांडे ओझा ,प्रमिला शरद व्यास, रेणु सिरोया ,राजकुमार राज, राम पांचाल,सारिका मित्तल,संजय व्यास ,रोहित बंसल आदि कवियों ने काव्य सृजन प्रस्तुत किया।

हिया सिंह, यश नागर ,रिचा भार्गव , कुलदीप,सुरेंद्र राठौड़, अनिता गुप्ता, संदीप, विवेक अग्रवाल, रमेश, अनिता कोठारी, एवं संस्था के सभी सदस्यों ने भाग लिया। कवयित्री स्वाति ' शकुंत' के संचालन ने कार्यक्रम की भव्यता इन साहित्यिक रचनाओं से ओतप्रोत रही

मेवाड़ मुकुट राणा प्रताप को शत-शत नमन करते हैं,

 राणा का था मान केसरी,रणभेरी की गूंज में घास का निवाला, ले ली शपथ पुनः नमो जागे भारत भाग, 

नरेंद्र मोदी नमो हो गए हैं कि देश को होना पड़े ना मौन ,

राष्ट्र धर्म निभा रहा करता नहीं विश्राम, नयन नम होकर नम जाते हैं नमो की भव्यता में राम जाते हैं,पाथल रा प्रताप रो किकर मैं करा बखान, प्राण जाए पर वचन निभाए, जग जापे है जाप राम रे अस्या अंस रा, पन्ना के उसे त्याग का कैसे करूं बखान, पढ़ाया जो हमको है अलग ही इतिहास, लिख गाथा चित्तौड़ की कर इसका गुणगान, उदय हुआ राणा मेवाड़ की शान बढ़ाने को,प्रणव प्रणेता यें-प्राणायाम के पंचप्राण,है मोदी राष्ट्रमान, भारती के पुत्र भवानी के सपूत जैसी रचनाओं से श्रोताओं में राष्ट्र प्रेम का जोश जागृत किया।

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