जनजाति बालक-बालिकाओं के शैक्षणिक उत्थान एवं गुणवत्तापूर्ण अध्ययन वातावरण मुहैया करवाने में मील का पत्थर साबित हो रही टीएडी विभाग की योजनाएं विभाग के अधीन संचालित आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में प्रवेश प्रक्रिया जारी

 जनजाति बालक-बालिकाओं के शैक्षणिक उत्थान एवं गुणवत्तापूर्ण अध्ययन वातावरण मुहैया करवाने में मील का पत्थर साबित हो रही टीएडी विभाग की योजनाएं

विभाग के अधीन संचालित आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में प्रवेश प्रक्रिया जारी

उदयपुर, 27 जून। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी के निर्देशानुसार राजस्थान सरकार के जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी) ने जनजाति समाज के बालक-बालिकाओं के लिए शिक्षा एवं उनके शैक्षणिक उत्थान को प्राथमिक मुद्दा बनाया है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए वर्तमान में विभाग की विभिन्न योजनाएं संचालित हैं जो जनजाति समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शैक्षणिक उत्थान में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। इन योजनाओं में मुख्य रूप से जनजाति समुदाय के बालक-बालिकाओं को मौलिक शिक्षा के साथ-साथ समाज में समाहित और समर्थ नागरिक बनाने हेतु निःशुल्क आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों की योजनाएं संचालित की जा रही है।

प्रायः जनजाति छात्र-छात्राएं उनके निवास स्थान के नजदीक वांछित स्तर का विद्यालय नहीं होने की स्थिति में एवं उनके परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दूर-दराज के विद्यालयों में अध्ययन जारी नहीं रख पाते हैं। अतः ऐसे छात्र-छात्राएं अध्ययन जारी रख सकें, इस उद्देश्य से विभाग द्वारा जिले के अनुसूचित क्षेत्र में 5 हजार 535 बालक-बालिकाओं की क्षमता के 85 आश्रम छात्रावास (44 बालक छात्रावास, 41 बालिका छात्रावास) माडा क्षेत्र में सौ विद्यार्थियों की क्षमता वाले एक बालक आश्रम छात्रावास तथा बिखरी क्षेत्र में पचास-पचास विद्यार्थियों की क्षमता के 3 बालिका आश्रम छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इसी प्रकार जिले में 2 हजार 50 विद्यार्थियों की क्षमता के 8 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, 350 विद्यार्थियों की क्षमता का एक बालिका आवासीय विद्यालय, तथा 350 विद्यार्थियों की क्षमता का उदयपुर के ढिकली में एक मॉडल पब्लिक आवासीय विद्यालय संचालित किया जा रहा है।

इसी प्रकार जिले के अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति छात्रों को खेल-कूद हेतु प्रोत्साहित करने तथा उन्हें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करने के उद्देश्य से 250 विद्यार्थियों की क्षमता के 4 खेल छात्रावास/खेल अकादमी संचालित किये जा रहे है जिसमें 75 की क्षमता की एक बालिका खेल अकादमी भी शामिल है। इनमें विद्यार्थियों निःशुल्क आवास, भोजन, पोशाक एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त जिले में दो सौ विद्यार्थियों की क्षमता का एक बहुउद्देशीय बालिका छात्रावास भी संचालित है


क्या है प्रवेश प्रक्रिया तथा किसे मिलेगा प्रवेश :

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि विभाग के अधीन संचालित आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों, ईएमआरएस एवं खेल अकादमियों में प्रवेश हेतु अभ्यर्थी राजस्थान राज्य के मूल निवासी हो तथा अभ्यर्थी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हो, इसी प्रकार छात्रावास में केवल जनजाति छात्र/छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाएगा, जो गत वर्ष की कक्षा किसी राजकीय विद्यालय अथवा राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालय से उत्तीर्ण हो उत्तीर्ण छात्र/छात्राएं जो जनजाति छात्रावास में निवासरत है उन्हें पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है परंतु खेल छात्रावासों में निवासरत छात्र/ छात्राओं को पुनः ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। अनुत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

खेल छात्रावास में प्रवेश पाने के लिए छात्र/छात्राओं की उम्र 17 साल से कम होनी चाहिए। खेल छात्रावास में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करना अनिवार्य है। उन सभी छात्र/छात्राओं को जिनके माता-पिता/अभिभावक की वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक है को छात्रावास में प्रवेश हेतु पात्र माना जाएगा। आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए कक्षा 6 के अभ्यर्थी को पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है।

आयुक्त केवलरमानी ने बताया कि आवासीय विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक संचालित होते हैं कक्षा 6 में प्रवेश हेतु विद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश होता है। कक्षा 7 वीं से 12वीं तक प्रवेश रिक्त सीटों की उपलब्धता के आधार पर मेरिट पर होते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा संचालित सभी प्रकार के आवासीय विद्यालय/छात्रावास/ खेल अकादमियों में प्रवेश हेतु विभागीय एचएसएमएस पोर्टल पर 30 जून तक ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता हैं।

गत शैक्षणिक सत्र में विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में 304 आश्रम छात्रावासों के संचालन हेतु 130 करोड़ रुपये की धनराशि के खर्च का प्रावधान किया गया था, इसी प्रकार 13 खेल छात्रावासों के संचालन हेतु 7 करोड़ 15 लाख रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया। 7 आवासीय विद्यालय/मॉडल पब्लिक रेजिडेंशियल स्कूलों के संचालन हेतु 17 करोड़ 82 लाख का वित्तीय प्रावधान तथा 13 कॉलेज छात्रावास/ बहुउद्देश्यीय छात्रावासों के संचालन हेतु 4 करोड़ 84 लाख रुपए का बजट प्रावधान किया गया।

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