पशु पालन विभाग, एक बदनुमा दाग कार्यालय मनमर्जी

 पशु पालन विभाग, एक बदनुमा दाग कार्यालय मनमर्जी


-- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! राजस्थान पशु पालन विभाग में कार्यालय मंत्रालयिक कर्मचारी में 36 नहीं, 63 का आंकड़ा फिट बैठता है! कभी भी सूचना के अधिकार 2005 के तहत सूचना नहीं देकर फंसाया जा सकता है! जबकि लोक सूचना अधिकारी से लेकर अपील अधिकारियो तक मिली भगत रहती है! कभी भी ₹ 10/- से ₹ 150/- तक या ज्यादा राशि के पोस्टल आर्डर भेजे जाने पर भी कोई सूचना कॉपी अप्रमाणित/प्रमाणित भेजना तो दूर की बात है! कोई जबाब या भेजी गई राशि अनुपयोगी होने पर बापस भी नहीं की गई! 

कार्यालय लिपिक और अधिकारी भयंकर प्रशासक बन बैठते हैं समाधान तो दूर, संतोष जनक जबाब देना भी उचित नहीं समझते हैं! काम भी नहीं, आप पर राज्य कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया जाने का कुचक्र भी रचने में माहिर हैं! सही में बिना सुविधा शुल्क कोई काम नहीं होता है! क्या अब नवीन सरकार धांधली रोकने में सफल हो पायेगी या बहाने जीवंत रहेंगे!

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