नगर पालिका आबूरोड को लगा एक करोड रुपए का चूना जिम्मेदार बेखबर नगर पालिका के एक करोड रुपए का भूखंड का हुआ अवैध तरीके से बेचान, कार्यवाही के बजाय नगर पालिका ने कर दिया नामांतरण
नगर पालिका आबूरोड को लगा एक करोड रुपए का चूना
जिम्मेदार बेखबर
नगर पालिका के एक करोड रुपए का भूखंड का हुआ अवैध तरीके से बेचान, कार्यवाही के बजाय नगर पालिका ने कर दिया नामांतरण
पूर्व ने नगरपालिका ने जारी किया था पट्टा ,फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर गठित कमेटी ने वर्ष 2012 में पट्टा कर दिया था निरस्त,
पट्टाधारी ने स्थानीय न्यायालय से हाईकोर्ट तक ली थी शरण कहीं से नहीं मिली थी राहत,
पट्टा निरस्त होने की जानकारी के बावजूद पट्टाधारी ने सुनियोजित तरीके से कर दिया बेचान
माउंट आबू मुख्य मार्ग पर 2100 फीट का है भूखंड न्यूनतम कीमत है एक करोड़ से अधिक,
खरीददार ने लगाई नामांतरण पत्रावली नगर पालिका ने कर दिया नामांतरण,
मिलीभगत ,भ्रष्टाचार या अनजाने में हुआ नामांतरण जांच का विषय
नगर पालिका आबूरोड के विरुद्ध सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचकर नगर पालिका को लगभग एक करोड रुपए का चूना लगाकर राजस्व की हानि पहुंचाने का मामला उजागर हुआ है ।
नगर पालिका के वरिष्ठ पार्षद अर्जुन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिका आबूरोड द्वारा वर्ष 2013 में प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान राजस्थान स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टा नंबर 225 दिनांक 7 जनवरी 2013 श्रीमती लहरी बाई पत्नी पीरा जी बंजारा भाटो का वास माउंट रोड आकरा भट्टा के नाम से जारी किया गया था । उस बोर्ड में प्रार्थी उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुआ था।
तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अश्विन गर्ग ,अधिशासी अधिकारी सोहनलाल धानका एवं कनिष्ठ अभियंता दिलीप माथुर ने आवेदक से मिलीभगत कर नियम विरुद्ध नियमन की कार्यवाही कर फर्जी पट्टा जारी किया था इस फर्जीवाड़ी की जानकारी मिलने पर प्रार्थी ने विभिन्न स्तरों पर इसकी शिकायतें की थी और जांच की मांग की थी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर सिरोही द्वारा जांच कमेटी गठित की गई और जांच कमेटी ने पट्टा नियम विरुद्ध जारी किया जाना पाए जाने से रिव्यु के अधिकारों का उपयोग करते हुए उक्त जारी पट्टे को निरस्त कर दिया था जिसकी सूचना तत्कालीन समय में आवेदक लहरी बाई के साथ ही विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से प्रसारित की गई थी ।
पट्टा खारिज हो जाने के बाद आवेदक लहरी बाई ने स्थानीय न्यायालय सहित राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर तक अपना पक्ष रखा लेकिन कहीं भी आवेदक को विधि अनुसार सही नहीं माना और आवेदक को राहत नहीं मिली ।
प्रकरण में आवेदक लहरी बाई को यह भली भांति मालूम होने के बाद कि उसे जारी किया गया उपरोक्त पट्टा नगर पालिका द्वारा निरस्त कर दिया गया है अब इस पट्टे और भूखंड पर उसका कोई स्वामित्व नहीं है कोई मालिकाना हक नहीं है इसके बावजूद भी आवेदक लहरी बाई ने 1 वर्ष पूर्व इस पट्टे में दर्ज भूखंड को खुद के स्वामित्व एवं आधिपत्य का बताते हुए परिवारजन के नाम बख्शीश कर दिया और बख्शीश प्राप्तकर्ता में इस भूखंड को जनवरी 2024 में अन्य व्यक्ति को बेचान कर दिया भूखंड खरीदकर्ता ने 8 अप्रेल को रजिस्ट्री एवं अन्य दस्तावेज ऑनलाइन नगर पालिका में पेश करते हुए नामांतरण की मांग की और नगर पालिका ने बिना किसी जांच के 8 मई को नामांतरण भी कर दिया ।
नगर पालिका के वरिष्ठ पार्षद अर्जुन सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि सुनियोजित षड्यंत्र के जरिए यह सब खेल रचा गया है माउंट आबू - आबू रोड मुख्य मार्ग के किनारे यह 2100 वर्ग फीट का भूखंड होने और यहां पर अनुमानित दर ₹5000 वर्ग फिट होने से एक करोड रुपए की से अधिक की राशि का यह सभी ने मिली भगत कर नगर पालिका को एक करोड रुपए से अधिक की राशि का चूना लगाते हुए भारी भरकम राजस्व की हानि पहुंचाई है और नगर पालिका ने किन कारणों से बिना किसी जांच के नगर पालिका के खुद के बेशक़ीमती प्लाट का अन्य व्यक्ति को बेचान होने के बाद भी बिना किसी जांच के नामांतरण कर देना संदेहप्रद है या तो नगरपालिका अधिकारी , नगर पालिका प्रशासन की भी भ्रष्टाचार के चलते पूरी मिली भगत , सांठ गांठ है या फिर नगर पालिका इस सारे षड्यंत्र से अनजान रही है यह तो जाँच से ही सामने आ सकेगा ।
नगर पालिका के वरिष्ठ पार्षद अर्जुन सिंह ने बताया कि प्रकरण से संबंधित नए पुराने दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं शीघ्र ही इस संबंध में उच्च स्तरीय अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की जाएगी ।
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