आलोक में वीर सावरकर जयंती मनाई
आलोक में वीर सावरकर जयंती मनाई
उदयपुर । वीर सावरकर का हिन्दूत्व सिंधु से लेकर समुद्र तक फैली भारतभूमि को जो अपनी पितृभूमि, पुण्य भूमि मानता है वह सभी हिन्दू है। पूजा पद्वति सभी की अलग अलग हो सकती है लेकिन उनका हिन्दूत्व यहीं था जो इस भू भाग पर रहता है वो हिन्दू है। सावरकर कट्टर हिन्दूत्व के प्रवर्तक थे। उन्होंने राष्ट्र को राष्ट्र की आत्मा को सर्वाेपरि माना। उक्त विचार आलोक संस्थान, सेक्टर-11 के चित्तमथ सभागार में वीर सावरकर की जयंती के अवसर पर बोलते हुए शिक्षाविद्, आलोक संस्थान के निदेशक डाॅ. प्रदीप कुमावत ने मुख्य वक्ता के रूप में कहे।
डाॅ. कुमावत ने कहा कि वीर सावरकर मानते थे कि पहाड़ और नदीयां किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं करती। राष्ट्र का निर्माण उसमें रहने वाले लोगों के समान विचारों, उनके द्वारा किये गये प्रयासों और युवाओं को प्रेरणा देेने वाले सभी कार्यक्रमों को राश्ट्र स्वीकार करता है और वहीं सच्चे अर्थाें में राष्ट्र कहलाता है।
उन्होंने कहा किँ संघर्ष से ही वीर सावरकर का व्यक्तित्व निखरा। उन्होंने मित्र मेलों को आयोजन कर संगठन को कैसे चलाया जाता है, कैसे कम उम्र में संगठन चलाया जा सकता है इसका उदाहरण वीर सावरकर थे।
डाॅ. कुमावत ने कहा कि वीर सावरकर के जीवन से हर युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम अपनी जवानी देष के लिये दे। देश के लिये कुछ करे।
इस अवसर पर आलोक स्कूल हिरण मगरी के प्राचार्य शशांक टांक, जयपाल सिंह रावत, महेश कुमावत, हर्षिता शर्मा, डाॅ. लीलाधर शर्मा सहित आलोक इन्टरेक्ट क्लब के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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