शिविरार्थियों को भगवान पर शांतिधारा, प्रक्षाल आदि की क्रियाएं सिखाई
- शिविरार्थियों को भगवान पर शांतिधारा, प्रक्षाल आदि की क्रियाएं सिखाई
उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। श्री दिंगबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर एवम श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति श्री पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर उदासीन आश्रम दिगंबर जैन महासमिति उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में गुरु उपकार महोत्सव रूप आयोजित सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर के तीसरे दिन मंगलवार को विविध आयोजन हुआ। शिविर संयोजक सम्राट जैन शास्त्री ने बताया कि शिविरम ें बच्चो को जैन धर्म के मूल सिद्धांत अहिंसा ,सत्य ,त्याग आदि का ज्ञान कराया गया। बच्चों को देव दर्शन, रात्रि भोजन त्याग, पानी छानकर पीना आदि का लाभ बताया,शिविरार्थियों के भगवान पर शांतिधारा, प्रक्षाल आदि की क्रियाएं सिखाई गई। बच्चो को मंदिर की आवश्यकता पर जोर डाला गया। युवा पीढ़ी को जीवन में धर्म की महत्त्वता पर जिनवाणी रस पान कराया गया, संसार की असारता का ज्ञान प्रदान किया गया। रोज सुबह बच्चे अभिषेक पूजन के पश्चात दो कक्षाओं में भाग ले रहे है छहढाला जी के माध्यम से चारो गतियो के दुखों को जाना संसार के दुखों से बचने का उपाय जाना। शिविर संयोजक सम्राट शास्त्री ने बताया की धर्म कोई वांशिग पाउडर नही है की पहले इस्तेमाल करो फिर विश्वास करो धर्म तो एलआईसी बीमा की तरह है जो जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी झारखंड गिरढीह से मुख्य आमंत्रित विद्वान प्रो. संजीव शास्त्री ने धर्म को जीवन का आधार बताया। धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष कुंथूकुमार गणपतोत ने कहा शिविर में रोज बच्चे उत्साहित होकर भाग ले रहे है शाम सभी जगह आरती के साथ कक्षा लग रही सांस्कृतिक आयोजन के साथ बच्चो को पारितोषिक वितरण भी किया जा रहा है ,सभी मंदिरों में पूजन अभिषेक के बाद अल्पाहार की व्यवस्था प्रदान की जा रही हैं। महेंद्र टाया ने बताया की प्रति दिन शिविर में संख्या बड़ती जा रही है। माणिकचंद्र लुहाडिय़ा ने अधिक से अधिक लोगो को शिविर में भाग लेने के लिय प्रेरित करने को कहा सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर समिति से सभी लोग तन मन धन से शिविर को सफल बनाने में जुटे हुए है। इस अवसर महेन्द्र टाया, माणिकचंद्र लुहाडिय़ा, कुंथु कुमार गणपतोत, अशोक डवारा, प्रकाश अखावत सहित कई श्रावक-श्राविकाएं शिविर को सफल बनाने में जुटे हुए।
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