राजस्थान विद्यापीठ एवं राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति बीकानेर के बीच हुआ एमओयू मेवाड़-मारवाड़ साहित्य को मिलेगी नई पहचान
राजस्थान विद्यापीठ एवं राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति बीकानेर के बीच हुआ एमओयू
मेवाड़-मारवाड़ साहित्य को मिलेगी नई पहचान
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ़ बीेकानेर के बीच साहित्य, इतिहास, पुस्तकालय विज्ञान, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्दे्श्य से पांच वर्ष के लिए एमओयू हुआ। विद्यापीठ विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. चन्द्रेश छतलानी व हिन्दी प्रचार समिति की ओर से अध्यक्ष श्याम महर्षि, सचिव रवि पुरोहित ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
इन पर बनी सहमति:-
- विश्वविद्यलय एवं हिन्दी राष्ट्र भाषा से जुड़े विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और अन्य सामुदायिक व्यक्तियों के मध्य हिन्दी भाषा, राजस्थानी भाषा, साहित्य, इतिहास, पुस्तकालय विज्ञान, पर्यावरण और संस्कृति के अध्ययन, अनुसंधान और प्रसार को बढ़ावा देने।
- संयुक्त तत्वावधान में शोध ग्रन्थों का प्रकाशन करना।
- हिन्दी व राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और उन्नत प्रथाओं को बढ़ावा देने में संयुक्त पहल।
- साहित्य, इतिहास, पुस्तकालय विज्ञान, पर्यावरण और संस्कृति से सम्बंधित गतिविधियों में अकादमिक, वैज्ञानिक और स्थानीय समुदायों के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयेाजन।
- पुस्तकालयों, अभिलेखागारों और ज्ञान के अन्य भंडारों के विकास, डिजिटलीकरण ओर रखरखाव के कार्य संयुक्त रूप से करने, जो सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरणीय संसाधनों के संरक्षण और पहुंच में योगदान करना।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि किशन दाधीच , परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, भगवती लाल सोनी, जयकिशन चौबे, निजी सचिव केके कुमावत, डॉ. ललित सालवी, डॉ. यज्ञ आमेटा, विकास डांगी सहित अकादमिक सदस्य उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें