सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर 26 मई से, पोस्टर का हुआ विमोचन
सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर 26 मई से, पोस्टर का हुआ विमोचन
- उदयपुर के अधिकतर मंदिरों में लगेगी कक्षाएं
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल । प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर महराज के आचार्य पदारोहण शताब्दी महोत्सव वर्ष एवम संत शिरोमणी वर्तमान के वर्धमान आचार्य विद्यासागर महराज के उत्कृष्ट त्याग, तपस्या, समाधि को समर्पित निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महा मुनिराज की पावन प्रेरणा से गुरु उपकार महोत्सव स्वरूप लगने जा रहा है सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर 2024 का आयोजन 26 मई से 2 जून तक उदयपुर के विभिन्न मंदिरों में लेगेंगे। सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर प्रभारी सम्राट शास्त्री ने बताया कि श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर द्वारा आयोजित एवम श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति, श्री पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर उदासीन आश्रम , दिंगबर जैन महासमिति ,पुरुष उदयपुर संभाग ,के संयुक्त तत्वाधान में सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविरों का वृहत् स्तर पर संपूर्ण उदयपुर संभाग के लगभग सभी जैन मंदिरों में आयोजन किया जा रहा है। शिविर का सामूहिक उद्घाटन 25 मई को शाम 7.00 बजे उदासीन आश्रम, अशोकनगर में होगा। 26 मई से सभी शिविर स्थलों पर कक्षाये प्रारंभ होगी,शिविर में बच्चो को जैन धर्म के मूल सिद्धांत सिखाए जाएंगे,वर्तमान में धर्म की आवश्यकता, सुखी जीवन के उपाय के साथ ही नमोकार मंत्र,देवदर्शन विधि,चौबीस तीर्थकर, अष्ट मुलगुन,जैन कुलाचार के साथ बड़े लोगो को छहढाला, इस्टोपदेश,तत्वार्थ सूत्र जी,समयसार जी आदि का स्वाध्याय कराया जायेगा। अंशुल शास्त्री ने बताया की प्रात: अभिषेक पूजन के पश्चात 8.00 से अल्पाहार होगा इसके बाद दो दो अलग अलग कक्षा 45 मिनट की लगेगी शाम को भी 7.30 दो कक्षाय लगाई जाएगी, अंत में सम्राट शास्त्री ने बताया की जैन धर्म जबरदस्ती का नहीं जबरदस्त धर्म हैं बच्चों को संस्कारों की बहुत ही आवश्यकता हैं इसलिए सभी से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया । इस दौरान सभी ने पोस्टर का विमोचन किया। धर्म प्रभावना समिति अध्यक्ष कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि आचार्य शांति सागर जी महाराज का संपूर्ण दिगंबर जैन समाज पर अनंत उपकार हैं वो दिगंबरत्व के उन्नायक थे इस वर्ष उनके आचार्य पदारोहण के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। उदासीन आश्रम अशोकनगर के अध्यक्ष महेंद्र कुमार टाया ने बताया कि इस वर्ष संत शिरोमणी आचार्य गुरुवर विद्यासागर महामुनिराज की उत्कृष्ट समाधि हुई। आचार्य विद्यासागर जैनों के नही अपितु जन जन के संत थे उनके संपूर्ण जैन समाज पर अनंत उपकार रहे,महासमिति अध्यक्ष माणिक चंद्र लुहाडिय़ा ने बताया की पिछले 20 वर्षो से पूज्य मुनि सुधासागर महराज की प्रेरणा से यह शिविर आयोजित होते आ रहे है इस भौतिक वादी युग में बच्चों को संस्कारो की बहुत आवश्यकता हैं , शिविर निर्देशक डॉक्टर ज्योतिबाबू ने बताया की इस शिविर का उद्देश्य मात्र जिन धर्म की प्रभावना और आने वाली युवा पीढ़ी को धर्म के संस्कारो से सुसंपन्न करना है , सह संयोजक अंकित शास्त्री और लकी शास्त्री ने बताया की शिविर में भाग लेने के लिय आपको अपने नजदीकी शिविर सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस समय सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर आयोजक समिति से दिनेश डवारा, सुमितप्रकाश वालावत, दिनेश सोनी, प्रकाश अखावत, शशिकांत शाह, कैलाश गंगवाल, नरेंद्र टाया, जिनेन्द्र गांगावत आलोक जैन आदि ने शिविर के प्रमुख उद्देश्य संस्कारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की आज आप अगर अपने बच्चों को उंगली पकड़कर मंदिर पाठशाला शिविर में लाएंगे तो ही बच्चो से उम्मीद करें की वो आपको बुढ़ापे में देव दर्शन स्वाध्याय कराएंगे। आप अभी उनको संस्कारों के शिविर पाठशाला आदि नही लायेगे तो फिर वो आपको कैसे धर्म करा पाएंगे अत: आप सभी अधिक से अधिक संख्या में शिविर में बच्चो को भाग दिलाकर आत्म कल्याण का पुरुषार्थ करें।
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