तीन दिवसीय 61 में महाराणा कुंभा संगीत समारोह का भव्य आगाज मीरा के भजन से झंकृत हुआ आंगन

 तीन दिवसीय 61 में महाराणा कुंभा संगीत समारोह का भव्य आगाज




मीरा के भजन से झंकृत हुआ आंगन


आलाप तानो की मनमोहक प्रस्तुति पर करतल धनी से गूंज उठी शास्त्रीय संगीत सभा


वीणा पर हुआ नायाब प्रदर्शन 


उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। महाराणा कुम्भा संगीत परिषद द्वारा आयोजित 61वें महाराणा कुंभा संगीत समारोह के तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ 15 मार्च को हुआ। 

समारोह में प्रथम दिन पहले सत्र में विदूशी अश्विनी भिड़े देशपाण्डे ने शास्त्रीय गायन में ख्याल गायकी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।


मेवाड़ की धरा के आराध्य श्री एकलिंगनाथ जी को नमन करते हुये राग झिंझोटी में बद्ध महादेव की स्तुति में स्वरालापों से जब राग के स्वर छेड़े तो श्रोताओं के मुख से निरंतर वाह-वाही गूंजती रही। द्रुत लय में बन्दिश “अँखिया उनसो लागी” के साथ आलाप व तानों की मनमोहक प्रस्तुति पर कर्तल ध्वनि से समा सराबोर हो गया। 


राग बसंत में मध्य लय एक ताल में बद्ध बन्दिश “आयी ऋतु बसंत मोरी” की शुरुआत में ही दर्शकों को मन्त्रमुग्ध किया। द्रुत लय में त्रिताल में बद्ध बन्दिश “बन बन फ़ूलन रही कलियां” की सुमधुर प्रस्तुति ने समा बांध दिया।

अंत में संत मीराबाई के भजन “कोई कछू कहे मन लागा” भजन से समाप्ति की। तानपुरे पर शामिका भिड़े, तबले पर यती भागवत व हारमोनियम परज्ञानेश्वर सोनवड़े ने संगत की।


समारोह के द्वितीय सत्र में वीणा वादक पं. राजेश वैद्य 

ने वीणा के तारों पर सुरीली तानों की अनूठी प्रस्तुति देकर नायाब प्रदर्शन किया।

उन्होंने स्व रचित बन्दिशों से सभी को लुभाया। राग किरवानी में मुख्य प्रस्तुति के साथ आलाप, जोड़, झाला प्रस्तुत कर सभी को लुभाया। साथ ही गणितिज्ञ रूप से रचित बन्दिशों एवं जुगलबंदी का एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया। वीणा पर उनकी सधी हुई तानों व लयकारी के संगीतमय प्रदर्शन से सभागार गूंजायमान हो गया।

मृदंगम् पर एन.मोहन रमन, तबले पर प्रवीन नारायण और घटम पर साईं हरी ने संगत की।


समारोह में मुख्य अतिथि आई.जी. पुलिस, प्रसन्न खमेसरा रहे और विशिष्ट अतिथि थे डॉ.बरूण कुमार निदेशक राजभाषा रेल मंत्रालय,रेलवे बोर्ड नई दिल्ली डॉ. प्रेम भण्डारी, सुशील दशोरा, मनोज मूर्डिया, दिनेश माथुर, महेश गोस्वामी सहित महाराणा कुम्भा संगीत परिषद की कार्यकारिणी ने सभी कलाकारों एवं अतिथि का शॉल व उपरना ओढ़ा कर पारम्परिक स्वागत किया। मंच संचालन डॉ. लोकेश जैन व विदुषी जैन ने किया।



 16 मार्च को वहाने सिस्टर की सितार-संतूर की जुगलबंदी एवं पंडित हरीश तिवारी का ख्याल गायन होगा 


उपाध्यक्ष डा. पुष्पा कोठारी और डा. देवेंद्र सिंह हिरण ने बताया कि 16 मार्च को उज्जैन की संस्कृति वाहने और प्रकृति वाहनेे सिस्टर्स सितार और संतूर पर जुगलबंदी पेश करेंगी और उसके पश्चात दिल्ली के पंडित हरीश तिवारी खयाल गायन पेश करेंगे जिन्हें सुनकर भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी की यादें ताज़ा हो जाती हैं।

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