महर्षि दयानन्द सरस्वती नारी शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे

 महर्षि दयानन्द सरस्वती नारी शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे



उदयपुर संवाददाता (विवेक अग्रवाल)  महर्षि दयानन्द सरस्वती नारी शिक्षा के प्रथम प्रबल पक्षधर थे। वेद शिक्षा का प्रचार कर समाज से अज्ञान  अंधविश्वास को दूर कर देश दुनिया में दयानन्द सरस्वती ने नवचेतना जागृत की। यह विचार आर्य समाज हिरण मगरी की ओर से दयानन्द कन्या विद्यालय की सहभागिता में   महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में आर्य समाज हिरण मगरी के मंत्री विद्वान  डा. वेद मित्र आर्य ने व्यक्त किये। स्वराज्य, स्वशिक्षा, स्वभाषा, स्वसंस्कृति का पाठ सबसे पहले महर्षि दयानन्द सरस्वती ने ही हमें पढ़ाया।   कन्या विद्यालय के मंत्री कृष्ण कुमार सोनी ने भजन प्रस्तुत किये। विद्यालय की बालिकाएं कृष्णा गर्ग, कुन्दना रावत, गौरी लोहार,सुमन  , आशिका पटेल,किरण मीणा, सोनाक्षी,सिमरन,दीक्षा, प्रियंका, विभा आदि ने  महर्षि दयानन्द सरस्वती पर रचित कविताएं, गीत, आलेख आदि का पाठ किया।

इससे पूर्व पं रामदयाल के पोराहित्य में यज्ञ हुआ।  विद्यालय की बालिकाओं के साथ श्रीमती पुष्पा सिंधी,प्रेमलता मेनारिया,   ललिता मेहरा, अम्बालाल सनाढ्य, पूनम,अलका मेहता,नाजुक भंसाली, नीति लोहार,जयश्री मोड़,मोनिका आदि नेअपने यजमान बन  आहूतियां दी। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रेमलता मेनारिया ने किया।

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