प्रो. नीरज शर्मा ने दिया वैदिक कृषिविज्ञान पर व्याख्यान, वेदों में मौजूद हैं अमृतकृषि- प्राकृतिक खेती के मूलसूत्र
प्रो. नीरज शर्मा ने दिया वैदिक कृषिविज्ञान पर व्याख्यान,
वेदों में मौजूद हैं अमृतकृषि- प्राकृतिक खेती के मूलसूत्र
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल
संत ज्ञानेश्वर की पुण्यभूमि आलंदी पुणे में चल रहे गीताभक्ति अमृत महोत्सव के वेदशास्त्र परिसंवाद में सुविवि के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष आचार्य और प्राचीन कृषिविद्या के शोधकर्ता विद्वान् डॉ. नीरज शर्मा ने वैदिक कृषि विज्ञान विषय पर व्याख्यान दिया । प्रकृति - पर्यावरण के सापेक्ष सतत कृषिविकास की दृष्टि से वैदिक ज्ञान परम्परा में मृदा संरक्षण, उर्वरता - पोषण, गोवंश संरक्षण, बीजोपचार - बीजवपन, जल संरक्षण-सिंचाई, पादप संरचना उनके रोग और वृक्षायुर्वेद के अनुसार उनके उपचार आदि अनेक पहलुओं पर उद्बोधन प्रदान किया ।
महर्षि वेद व्यास प्रतिष्ठान, संत श्री ज्ञानेश्वर गुरुकुल, गीता परिवार और श्रीकृष्ण सेवानिधि के द्वारा 4 से 11 फरवरी तक श्रीरामजन्म भूमि न्यास के कोषाध्यक्ष संत श्री गोविन्ददेवगिरि जी महाराज के 75 वें जन्मदिन समारोह गीता भक्ति अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है । कार्यक्रम में संघप्रमुख श्री मोहनभागवत, स्वामी रामदेव, योगी आदित्यनाथ, स्वामी अवधेशानन्द, मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास जी, श्री नितिन गडकरी आदि अनेक प्रमुख और प्रबुद्ध लोग शिरकत कर रहे हैं। महोत्सव में देश के चयनित विशिष्ट वैदिक विद्वानों को भी समारोह के वेदशास्त्र परिसंवाद में व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। परिसंवाद में पद्मश्री प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र, प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा, प्रो. एस. सुदर्शन शर्मा आदि ने भी व्याख्यान दिए। वेदशास्त्र परिसंवाद की अध्यक्षता काञ्चीपीठ पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य ने की और संयोजन बीएचयू डीन वेद मनीषी आचार्य श्रीकिशोर मिश्र द्वारा किया गया।
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