असम में स्थायी शांति और सर्वांगीण विकास के सपने को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है: अमित शाह

 -असम में स्थायी शांति और सर्वांगीण विकास के सपने को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है: अमित शाह



उदयपुर, 3 जनवरी। असम में शांति व्यवस्था कायम करने के प्रयास में एक बड़ी कामयाबी मिली है। असम में 40 साल में पहली बार सशस्त्र उग्रवादी संगठन उल्फा ने भारत और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर सहमति जताई है। इसके साथ ही अमृतकाल में असम के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम सहित पूरे पूर्वोतर में हिंसा के काले दौर को समाप्त करने की कोशिश ज़ोर-शोर से चल रही है। शाह की मौजूदगी में भारत सरकार, असम सरकार और उल्फा के बीच यह त्रिपक्षीय शांति समझौता संभव हो पाया है। इस शांति समझौते के साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों में दशकों पुराने उग्रवाद का अंत हो गया है। मोदी जी के शांत, सुरक्षित और समृद्ध पूर्वोत्तर के सपने को साकार करने की दिशा में शाह ने यह एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाले शाह की नीतियों के तहत असम का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन उल्फा हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमत हुआ है। उल्फा के साथ इस समझौते के तहत असम के लोगों की सांस्कृतिक विरासत बरकरार रहेगी। उल्फा के जिन कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है, उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ कर रोजगार के नए मार्ग प्रदान किए जाएंगे।

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