जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग की ओर से आर्यिका विशुद्धमती स्मृति व्याख्यान का आयोजन
जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग की ओर से आर्यिका विशुद्धमती स्मृति व्याख्यान का आयोजन
उदयपुर। जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें ’ आशीर्वचन मुनि अमितसागर महाराज’ ने प्रदान किया। संरक्षक के रूप में प्रो. सुनीता मिश्रा, कुलपति- मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय मौजूद थी जबकि अध्यक्षता प्रो. सी.आर. सुथार, अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय द्वारा की गयी । मुख्य वक्तव्य प्रो. श्रेयांश जैन बडौत, अध्यक्ष-अ.भा.दिग.जैन शास्त्री परिषद् ने ‘आर्यिका विशुद्धमति का करुणानुयोग को अवदान’ विषय पर अपना सटीक व्याख्यान प्रदान किया। आपने कहा कि पूज्य माताजी ने लौकिक गणित के साथ अलौकिक गणित के अनेक नूतन सूत्र दिये हैं, जिससे जिज्ञासु एवं शोध अध्येताओं को एक नई दृष्टि प्राप्त हुई है। ’मुख्य अतिथि’ के रूप में समाजसेवी एवं माताजी के अनन्य भक्त श्रीमान शान्तिलाल भोजन एवं श्री जमनालाल जी हपावत उपस्थित रहे। ’सारस्वत मनीषी प्रो. दरियावसिंह चुण्डावत ने अपनी गरिमापूर्ण उपस्थिति प्रदान की। ’स्वागत वक्तव्य’ एवं विषय प्रवर्तन’ डॉ.ज्योति बाबू जैन ने किया। ’संयोजन एवं धन्यवाद एवं आभार’ डॉ.सुमत कुमार जैन ने किया। साथ ही ’तकनीकी संयोजन’ मोहित जैन मोही, ने किया। व्याख्यान माला में ऑनलाइन और ऑफलाइन रूप से शताधिक लोगों की सहभागिता रही।
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