क्वालिटी टीचिंग एण्ड एडवांस रिसर्च पर आयोजित संगोष्ठी संपन्न
क्वालिटी टीचिंग एण्ड एडवांस रिसर्च पर आयोजित
संगोष्ठी संपन्न
उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 16 दिसम्बर विषय का प्रस्तुतीकरण और उसमें निहित ज्ञान ही उसकी सार्थकता को परिभाषित करता है और ये तभी संभव हो पाता है जबकि शिक्षा में सतत रूप से अनुसंधानों और नवाचार युक्त सामग्री को शामिल किया जाता रहें। इस पूरे प्रयास में ये भी अतिमहत्वपूर्ण है कि गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सके तभी शिक्षा के लक्ष्यों का अर्जन संभव होने के साथ सहज भी हो पाएगा। उक्त विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को क्वालिटी टीचिंग एण्ड एडवांस रिसर्च विषय पर दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में जाने माने शिक्षाविद भंवर सेठ ने बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्हांेने कहा कि अनुसंधान के परिणाम सामने आने वाले ज्ञान में पुरातन के साथ संबंध और भावी के लिए संभावनाओं का गुणावेश होता है। जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के माध्यम से आगे संचारित होता है। सेठ ने सतत विकास के लिए युवापीढ़ी से लगातार सीखने की प्रवृति और कौशल को अपने अंदर विकसित करने का आव्हान किया।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति कर्नल प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और अनुसंधान दोनों ही किसी भी शिक्षा व्यवस्था के वो आधार है जो मूल्यपरक शिक्षा को आकार देने के साथ नवीन ज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ाता है। अनुसंधान आधारित गुणवत्तायुक्त शिक्षा और उनका शिक्षण दोनों ही अहम क्षे़त्र है जहां गंभीरता के साथ सकारात्मकता के साथ काम करने की आवश्यकता है। अनुसंधान यदि उन्न्त प्रकार का होगा तब मूल्यों के साथ उसको तालमेल में लाना बड़ी चुनौती। सारंगदेवोत ने कहा कि शिक्षा स्वयं से जुड़ने, सर्वागींण विकास और समाज के प्रति दायित्व को निभाने के योग्य बनाती है, तो वो स्वतः गुणवत्तापूर्ण बन जाती है। पुरातन भारतीय शिक्षा संस्कारांे में इस सोच का समावेश प्रारम्भ से ही रहा है।
प्रारंभ में डॉ. नीरू राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की जानकारी दी। अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अलग अलग तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए तथा पत्रों का वाचन भी किया गया। संगोष्ठी की प्रतिवेदन डॉ. मधु मुर्डिया ने प्रस्तुत किया।
संचालन डॉ. हीना खान ने किया जबकि आभार डॉ. शील्पा कंठालिया ने जताया।
इस मौके पर डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. पारस जैन, सुभाष बोहरा, डॉ. हीना खान, डॉ. नीरू राठौड, डॉ. मधु मुर्डिया, डॉ. दिनेश श्रीमाली, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. गुणबाला आमेटा, डॉ. हेमंत साहू, डा. प्रेरणा भाटी कुलशेखर व्यास, भगवती लाल श्रीमाली, दुर्गाशंकर, डॉ. यज्ञ आमेटा, हर्ष दाधीच, केके कुमावत, डॉ. इंदू आचार्य सहित विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, स्कोलर्स एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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