नवीन शिक्षा नीति 2020 पर हुआ मंथन
नवीन शिक्षा नीति 2020 पर हुआ मंथन
उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 18 दिसंबर। राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद्, जयपुर एवं राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय,उदयपुर; आशापूर्णा ग्रुप ऑफ़ कॉलेज जालोर व आस्था कॉलेज इटावा के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को नवीन शिक्षा नीति 2020 वषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में आयोजित हुई।
समन्वयक प्राचार्य प्रो. अंजना गौतम की गौरवमयी उपस्थिति में हाइब्रिड मोड पर आयोजित इस कार्यशाला में सभी गणमान्य व्यक्तियों तथा प्रतिभागियों को नवीन शिक्षा नीति 2020 विषय पर नए ज्ञान को आत्मसात कर उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यापीठ के उप कुलपति प्रो.शिव सिंह सारंगदेवोत ने जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए नवीन शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की और शिक्षा नीति को गुणात्मक, शोध उन्मुखी, सामर्थ्य योग्य तथा उत्तरदायी बनाने पर ज़ोर दिया। कार्यशाला में विशेष अतिथि कॉलेज शिक्षा आयोग के संयुक्त निदेशक प्रो. टी.सी.बैरवा ने नवीन शिक्षा नीति 2020 को वैश्विक स्तर तक पहुचाने की महती आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अध्यक्ष राजस्थान उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो.डी.एस.चुण्डावत ने नवीन शिक्षा नीति को कौशल विकास, क्रांतिक सोच, आत्मनिर्भर तथा समावेशी विकास केन्द्रित होने पर बल दिया। कार्यशाला के गेस्ट ऑफ़ हॉनर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के वाईस चांसलर प्रो.मनोज दीक्षित ने भारत में शत प्रतिशत साक्षरता, टीचिंग पेडागोजीकल में परिवर्तन, सकल नामांकन अनुपात को दोगुना करने,सूचना तथा संचार प्रोद्योगिकी के शिक्षा में अधिकाधिक उपयोग पर अपने विचार प्रस्तुत किये। आयोजक सचिव प्रो.संध्या पठानिया ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। संयोजक संयुक्त निदेशक प्रो.जय भारत सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के विशेषज्ञ प्रो. राजकुमार राठी, प्रो. नरेन्द्र भोजक, प्रो. सुरेश कुमार जीरवाल ने विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उपयोगी सुझाव दिए। कार्यशाला में लगभग 200 छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया। इस कार्यशाला में डॉ. श्याम कुमावत, प्रो.बी.एल.मीणा, प्रो.सुनील दत्त शुक्ला, डॉ. शिवानी स्वर्णकार, डॉ.सुनीता आर्य, डॉ. किरण मीणा, डॉ.साक्षी चौहान, नरेन्द्र सिंह शेखावत, मंजू शेखावत, सुरभि तिवारी, डॉ. श्रुति टंडन, डॉ. मृणालिनी पारीक आदि का सहयोग रहा। आभार डॉ.पूर्णिमा सिंह ने जताया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें