राजस्थान में निजी हॉस्पिटलों के अंचाहे चार्जस् और बीमार पर कर्जदारी का टेंशन-

 राजस्थान में निजी हॉस्पिटलों के अंचाहे चार्जस् और बीमार पर कर्जदारी का टेंशन-


- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! राजस्थान ही क्या, देश की चिकित्सा व्यबस्था हॉस्पिटल और डर्ग माफियाओं हाथ है, उम्मीद केंद्र और राज्य सरकारों से लगाई जाती है! प्राय: सभी

प्रायवेटअस्पतालो मे लगने वाले ICU और वार्ड शुल्क में मानक बहुत समय बाद भारत में  तय नहीं हो पाया है! जबकि पूर्ण बहुमत की केन्द्रीय सरकार विद्यमान है। अभी भी बहुत से निर्णय जनता के जीवन सुधार हेतु लाये नहीं गए हैं। भारत व भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार हेतु कड़ा से कड़ा कदम उठाने की जरूरत है ।

प्रायवेट अस्पतालों में लगने वाले ICU और वार्ड शुल्क में मानक तय करने की फौरी आवश्यकता है। ये अस्पताल अपनी सेवाओं से कही अधिक वसूल कर रहे है,जैसे ICU चार्ज 10000 से 15000 प्रतिदिन के हिसाब से लेने के बाद भी वहां उपयोग मे आने वाले यन्त्रों के चार्ज  अलग से लिये जाते है,जो कि सर्वथा अनुचित है,क्योंकि इतने भारी-भरकम शुल्क के बाद यह शुल्क बेमानी है । यदि अगर आक्सीजन इत्यादि जरुरत मुताबिक लिया जा सकता है।

इसके अलावा भारी-भरकम वार्ड चार्ज के अलावा हैंड ग्लोवेस्, सेनिटाजर, और अनगिनत चीजों का शुल्क लिया जा रहा जो कि मरीजों पर अनावश्यक बोझ है,जो कि  इंसुरेंस कंपनी भी मान्य नहीं करती है।

इंसुरेंस कंपनी अपना घाटा बचाने के चक्कर मे प्रीमियम बढाती जा रही है,जबकि सबसे बडा कारण अस्पताल का बिल है जिसका मापदंड पिछले तीन साल में तिगुना हो गया है।

आम जनता त्रस्त है तथा मूल्य न चुकाने की स्थिति में कई बार उसे अपने परिजनों के जीवन से भी हाथ धोना पड़ जाता है।

इस प्रकार अस्पताल की मनमानी से मरीजों को नुकसान पहुंच रहा है। और मनमाने तौर से , कई जीवन रक्षक दवाओं की कीमत उसकी वास्तविक कीमत से 100 से 1000 गुना तक होती है ,जो सामान्य परिवार को पहुंच से कही अधिक होता है और इसका लाभ प्राइवेट अस्पताल उठाते हैं ।

अतः ऐसा कोई प्रावधान या बिल संसद में लाया जाए जिससे इन अस्पतालो की मनमानी पर अंकुश लगे,अधिकतम ICU और वार्ड  के चार्ज और सेवा की सीमा निर्धारित हो। उससे ज्यादा बिल चार्ज करने पर कड़ा प्रतिबंध हो तथा दंड का प्रावधान हो किया जा सकता है । अभी तो राजकीय सभी हॉस्पिटल वर्क फ्री हो चुके हैं कोई RGHS prescription drugs नहीं लिखी जा रही हैं?? और ना ही पत्रकारों को उचित ट्रीटमेंट की व्यबस्था है? राजकीय सभी कार्ड मान्य होने चाहिए! एक व्यक्ति एक ही कार्ड से ट्रेमेंट् ले सकेगा! अनावश्याक सभी प्रकार से कार्ड ब्लॉक कर दिये जाते हैं?? जो अनुचित है इसे नियमित किया जाना चाहिए!

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