जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा का अभियान मिशन मोड पर अनाथ और अन्य पात्र बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ने में जुटे अधिकारी जिला स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश


जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा का अभियान


मिशन मोड पर अनाथ और अन्य पात्र बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ने में जुटे अधिकारी


जिला स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश




बिजली, पानी, सड़क, संपर्क पोर्टल और ई फ़ाइल सहित कई विषयों पर हुई समीक्षा


फ़ोटो संलग्न


राजसमंद 21 अक्टूबर। जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा ने अभियान के रूप में अनाथ और अन्य पात्र बच्चों को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पालनहार योजना से जोड़ कर उन्हें आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को मिशन मोड पर कार्य करते हुए ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं जो अनाथ हैं या पालनहार योजना की अन्य श्रेणी में पात्र हैं और इस योजना से अब तक वंचित हैं।


सोमवार को हुई साप्ताहिक समीक्षा बैठक में उन्होंने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य को गंभीरता से लेते हुए एक सप्ताह में पूर्ण करें। प्रधानाचार्यों के माध्यम से उन बच्चों की पहचान करें, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है या वे योजना के तहत पात्र हैं। चिन्हित करने के बाद यह सुनिश्चित करें कि उन्हें पालनहार योजना से जोड़ा जाकर लाभान्वित किया जा सके। इसके साथ ही पालनहार योजना के तहत पंजीकृत बच्चों का वार्षिक सत्यापन का पेंडिंग कार्य भी मिशन मोड पर अगली साप्ताहिक बैठक से पहले पूर्ण करें। 


जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि पालनहार योजना से कोई भी पात्र अनाथ बच्चा वंचित नहीं रहे, इसके लिए जिला कलक्टर पूरी तरह से गंभीर दिखाई दे रहे हैं।


पालनहार योजना में इस तरह मिलता है लाभ :


पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्‍चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्‍थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्‍छुक व्‍यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्‍य आवश्‍यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता उप निदेशक जय प्रकाश चारण ने बताया कि योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माताध्यिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की संतान पात्र हैं।


अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह लाभ लाभ मिल रहा है। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह लाभ का लाभ मिल रहा है।



संपर्क पोर्टल पर लंबित शिकायतों का करें निस्तारण :


जिला कलक्टर ने बैठक में कई और दिशा-निर्देश भी जारी किए। संपर्क पोर्टल पर पेंडिंग प्रकरणों की विभागवार समीक्षा करते हुए त्वरित प्रभाव से निस्तारित करते हुए परिवादियों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। कलक्टर ने अधिकारियों को प्रकरणों का निस्तारण करते समय सही और वास्तविक जानकारी ही पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। 


उन्होंने लेवल प्रथम, द्वितीय और तृतीय पर लंबित प्रकरणों की डिटेल में समीक्षा की। ऐसे ही ई फ़ाइल को लेकर भी विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही का अवलोकन किया और इसे अनिवार्यतः उपयोग में लाने के निर्देश दिए। ई फ़ाइल पर कम काम करने वाले विभागों को बेहतर प्रगति के लिए निर्देश दिए।


उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि जिले में चल रहे डी.एल.पी. सड़कों के निरीक्षण की प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक साप्ताहिक बैठक से पहले प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही संयुक्त निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को निर्देश दिए गए कि वे स्वयं राजकीय कार्यालयों का ई-फाइल संबंधी निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट सौंपना सुनिश्चित करें।


निरीक्षण की रिपोर्ट देखें, पेंशन का वार्षिक सत्यापन पूर्ण करें


जिला कलक्टर ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे निरीक्षणों की रिपोर्ट का अवलोकन करें और प्रत्येक विभाग की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें। उपनिदेशक कृषि विस्तार को निर्देश दिए गए कि वे जिले में उर्वरक और खाद की उपलब्धता की स्थिति का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 


साथ ही अधीक्षण अभियंता अजमेर विद्युत वितरण निगम को निर्देशित किया गया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में दीपावली के बाद आयोजित किए जाने वाले शिविरों की रूपरेखा तैयार की जाए और 3,000 रुपये से अधिक के बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं की सूची जिला तैयार कर उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को विधवा और वृद्धावस्था पेंशन का वार्षिक सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। नगर परिषद आयुक्त को निर्देशित किया गया कि नगर पालिका क्षेत्रों में जहां भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं, वहाँ पूरी तरह से साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। इसी प्रकार जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वच्छता अभियान के तहत पुराने कचरे के ढेर हटाने, लोगों को गंदगी न फैलाने के लिए प्रेरित करने, पर्याप्त साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


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