नहीं मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ,बारिश में फूस के छप्पर में भीगने को विवश मजदूर परिवार

नहीं मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ,बारिश में फूस के छप्पर में भीगने को विवश मजदूर परिवार 
सुभाष तिवारी लखनऊ

पट्टी प्रतापगढ़।देश की भाजपा सरकार द्वारा बीते कुछ माह पूर्व सांसद गांव भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसके तहत सभी सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के गांवों भ्रमण कर और क्षेत्र में ही रात विश्राम कर देश प्रदेश की योजनाओं का गुणगान करना था।सांसदों द्वारा योजनाओं का खूब बखान भी किया गया  लेकिन धरातल पर योजनाएं दम तोड़ती दिखाई दे रही हैं। पट्टी तहसील क्षेत्र के सहसपुर गांव में एक पात्र परिवार को आवास का लाभ नहीं मिला है।आर्थिक तंगी के कारण परिवार फूस के छप्पर में रहने को विवश है और इस समय हो रही बारिश में भीगने को मजबूर है। पट्टी तहसील क्षेत्र के सहसपुर गांव निवासी तीर्थराज पुत्र जयकरन मकान निर्माण कर रहे कुशल मजदूरों के साथ दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता है।दिहाड़ी मजदूरी करने के दौरान उसे महीने में दस से बीस दिन ही काम मिल पाता है। जिससे उसे अपना पेट पालने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे में उसके लिए रहने के लिए एक ही कमरे का मकान बनाना उसके सामर्थ्य से बाहर है। जयकरन की पत्नी गीता मनरेगा में दिहाड़ी मजदूरी करती है।उसे भी काम यदा कदा ही मिलता है।मजदूर दंपति को कोई संतान नहीं है। दोनों पति-पत्नी एक साथ टूटे फूस के छप्पर में रहते हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में गंवई राजनीति अपने चरम पर होती है। प्रधानी का चुनाव जीतने वाले गांव के मुखिया का विरोधाभास यदि किसी व्यक्ति के द्वारा चुनाव के दौरान कर दिया गया तो उसे उसके कार्यकाल में कोई लाभ नहीं मिल सकता है।सवाल यह है कि यदि मजदूर दंपति की स्थिति इतनी दयनीय है तो ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा पीड़ित को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यों नहीं दिलाया गया।जबकि मजदूर दंपति के पास खेती करने के लिए भी उसके पास कोई जमीन नहीं है।बावजूद इसके उसका गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की श्रेणी में ना रखकर उसका पात्र गृहस्थी का कार्ड बनाकर छोड़ दिया गया।

सरकार की उपेक्षाओं से ग्रसित मजदूर दंपति की आंखों से निकला आंसू 


मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान मजदूर अपने घर को दिखा कर अपनी स्थिति पर रो पड़ा।उसने कहा कि आखिर हमें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा।कई बार ग्राम प्रधान से कहा भी गया बावजूद इसके आज तक उसे आवास का लाभ नहीं दिया गया। मजदूर दंपति का कहना है कि हमारे पास इतनी जानकारी भी नहीं है कि हम अपनी आवाज को ऊपर तक पहुंचाएं और हमारी आवाज उच्च अधिकारियों तक पहुंच सके और उनके द्वारा लाभ दिया जा सके।

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