राजस्थान में सूचना का अधिकार विगत वर्षों के काले कारनामे पशु पालन विभाग फंसा --
राजस्थान में सूचना का अधिकार विगत वर्षों के काले कारनामे पशु पालन विभाग फंसा -- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! पशु पालन विभाग विगत वर्षों में सुनियोजित भृष्टाचारियों का अड्डा बन गया! कार्य करने के नाम पर क्या अधिकारी, कर्मचारी प्रतिदिन काम चोरी ही नहीं, सीना जोरी करते आये हैं! सभी नियम दर किनार कर सूचना के अधिकार नियम 2005 की धज्जिंया उड़ाते हुए रेजिस्ट्री डाक से प्रेषित करने पर और ₹ 100/- , ₹ 100/- के पोस्टल आर्डर के भुगतान पर, एक शब्द तक लिख कर नहीं दिया, कँही कोई डोकमेंट् किसी के काम नहीं आ जाए! किसी किलर्क के आने जाने और वेतन के ऊपर, कार्यालय से जेब खर्च वसूलना रहा??
कभी कोई भी जबाब और आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई! सिर्फ अपील करते रहना होगा! कोई राहत नहीं रहती है! किसी व्यक्ति से इतनी सेकड़ो में राशि डकार जाना भृष्टाचार और निकम्मापन है! यह रूटीन नयी सरकार में भी क्यों?? क्या मंत्री महोदय विभाग की छबि और कार्य प्रणाली में सुधार कर सूचना के अधिकार को दुरस्त कर कार्य को गति प्रदान करेंगे!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें