कृषिरत महिलाओं ने सीखा सुरक्षात्मक वस्त्र बनाना*
*कृषिरत महिलाओं ने सीखा सुरक्षात्मक वस्त्र बनाना*
उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर के अंतर्गत केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान भुवनेश्वर एवं अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना द्वारा संचालित कृषिरत महिलाओं के लिए 10 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण सुरक्षात्मक कपड़ों का डिजाइन और विकास का आयोजन बड़गांव पंचायत के मदार गांव में किया गया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को कृषि कार्य के दौरान पहनने वाले सुरक्षात्मक वस्त्र को बनाने के साथ कई अन्य कपड़ों की ड्राफ्टिंग सिलाई की ट्रेनिंग दी गई । वस्त्रों की सिलाई में कई वस्त्रों को बनाने का तरीका जैसे मैक्सी,कुर्ती, लेडीज पेंट, पजामा, टी-शर्ट, ब्लाउज, सलवार के बारे में बताया गया ।
मदार में इसी वर्ष जनवरी 2024 में 10 महिलाओं का समूह बनाकर कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ किया गया । जिसमें 10 सिलाई मशीन महिलाओं को दी गई थी।
इन्हीं महिलाओं के क्षमता एवं कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत इस प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 22 जुलाई 2024 से 31 जुलाई 2024 तक किया गया।
प्रशिक्षण संयोजिका डॉ. सुधा बाबेल ने यह प्रशिक्षण केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर की कार्य योजना के अंतर्गत 100 दिन में 100 महिलाओं को उद्यम एवं कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया।
जिसमें मदार एवं लोयरा के 20 महिलाओं ने अति उत्साह से भाग लिया।
इकाई समन्वयक डॉ. विशाखा बंसल ने कहा कि इस प्रशिक्षण से प्राप्त कौशल से महिलाएं दैनिक जीवन के वस्त्रों की सिलाई के साथ-साथ अपने गांव व आसपास की महिलाओं व बच्चों के वस्त्रों की सिलाई का रोजगार प्राप्त करेगी। यह प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर श्री रवि केसवानी ने अपने कुशल निर्देशन में दिया ।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ही सीखते सीखते एक प्रशिक्षणार्थी ज्योति ने ग्राहक के दो कुर्ते व दो पैंटकी सिलाई करके 1000 रुपए प्राप्त किये।
इन रुपयों को प्राप्त कर ज्योति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा एवं दूसरी महिलाओं ने जैसे सोनू, अनु, नीलम, दुर्गा, रानी, कमला ने ज्योति से प्रेरणा ली ।
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