की निराकरण के लिए'समाधान' कार्यक्रम की घोषणा ------------- पहली बार विद्यार्थियों का भी रहा प्रतिनिधित्व

 की निराकरण के लिए'समाधान' कार्यक्रम की घोषणा


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पहली बार विद्यार्थियों का भी रहा प्रतिनिधित्व



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उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक मंगलवार को कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें विभिन्न नीतिगत निर्णय किए गए। बैठक में पहली बार विद्यार्थियों का भी प्रतिनिधित्व रहा।


विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि यह बैठक अकादमिक सत्र की पहली बैठक है जिसमें विभिन्न निर्णयों के साथ ही पिछले आदेशों का अनुमोदन किया गया। कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने सदन को बताया कि भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू अगले महीने विश्वविद्यालय का विजिट करेगी। जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जियोलॉजी विभाग के 75 साल पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली के वर्ष पर आयोजन होंगे। इसी आयोजन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति उदयपुर आ रही है। इस अवसर पर वे जियोलॉजी विभाग की 2 करोड रुपए की लागत से बनने वाली प्रयोगशाला का शिलान्यास भी करेंगी। 


एकेडमिक काउंसिल ने पिछले शिक्षा सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों के करीब 51 हज़ार डिग्रियों को अनुमोदन किया। 


कुलपति ने बताया कि डिजिलॉकर पर विद्यार्थियों के डिग्रियों को अपलोड करने की कार्रवाई लगातार जारी है और अब तक विश्वविद्यालय 2 लाख 37 हजार 766 डिग्रियां अपलोड कर चुका है जो की राजस्थान में सर्वाधिक है। 


बैठक में तय किया गया कि इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के किसी भी पाठ्यक्रम की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। जो पिछली फीस थी उसी को यथावत रखा गया है।


परीक्षा संबंधी निर्णय में अब तक चली आ रही उत्तर पुस्तिका में बदलाव का निर्णय किया गया। परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश कुमावत ने बताया कि इस सत्र की परीक्षाएं नई उत्तर पुस्तिकाओं के साथ होगी जिसको विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। करीब डेढ़ दशक से पिछली उत्तर पुस्तिकाएं चल रही थी जिनमें बदलाव किया गया है। इसके साथ ही यह भी निर्णय किया गया कि स्नातक स्तर की परीक्षा में नियमित और स्वंयपाठी विद्यार्थियों की परीक्षाएं एक साथ आयोजित की जाएगी ताकि परिणाम तैयार करने में विलंब ना हो।


बैठक में स्टूडेंट ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल के गठन को मंजूरी दी गई। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो सीमा जालान ने बताया कि यह सेल 'समाधान' कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिसके तहत विद्यार्थियों की हर प्रकार की शिकायतों को सुना जाएगा और उनका निवारण किया जाएगा। 


विधि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ राजश्री चौधरी के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया कि भारत में नया क्रिमिनल लॉ लागू हो गया है इसलिए अब इसे इसी शिक्षा सत्र से पढ़ाया भी जाएगा। इसके लिए पाठ्यक्रम में समुचित बदलाव किया जाएगा ताकि विद्यार्थी परिवर्तित नए कानून का अध्ययन कर सके। बैठक में पहली बार विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व भी रहा। टॉपर रहे विद्यार्थियों को बैठक में भाग लेने का अवसर दिया गया। इसमें 6 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थी प्रांजल द्विवेदी ने लीगल डाटा एक्सेस करने के लिए सुविधा बढ़ाने की मांग रखी वहीं विद्यार्थी अंजलि सिसोदिया ने नियमित तौर पर एजुकेशनल टूर पर ले जाने की आवश्यकता बताई।


बैठक में वाणिज्य महाविद्यालय के डीन प्रो बीएल वर्मा, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के डीन प्रो हेमंत द्विवेदी, विज्ञान महाविद्यालय की डीन एवं डीन पीजी स्टडीज प्रो आरती प्रसाद, चीफ प्रॉक्टर प्रो पूरणमल यादव, एफ़एमएस की डायरेक्टर प्रो मीरा माथुर, चीफ वार्डन प्रो दिग्विजय भटनागर स्पोर्ट्स बोर्ड के अध्यक्ष प्रो नीरज शर्मा सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। बैठक का संचालन परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश कुमावत ने किया।

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