धन्यवाद" सभी जन को, जो जीत में भागीदार बने। "हृदयांश" के जीवन संघर्ष में, जो पैसों की दीवार बने।। 17 करोड़ के असंभव से, लक्ष्य को पूरा कर डाला। मृत्यु के मुख से छीन, "हृदयांश" को जीवन दे डाला।।
"धन्यवाद" सभी जन को, जो जीत में भागीदार बने।
"हृदयांश" के जीवन संघर्ष में, जो पैसों की दीवार बने।।
17 करोड़ के असंभव से, लक्ष्य को पूरा कर डाला।
मृत्यु के मुख से छीन, "हृदयांश" को जीवन दे डाला।।
कदम से कदम मिलाकर सबने, इतिहास नया रच डाला है।
मानवता अब भी जिंदा है, वाक्य को सच कर डाला है।।
दान पुण्य और दुआ धर्म से, सपने सच होते ही है।
मदद आप जब करते हो तो, सबके दुख हरते ही है।।
आओ आज फिर प्रण करें, हर दुख में साथ लड़ेंगे हम।
जो डूब रहा है अंधकार में, उसके जीवन में "आलोक" भरेंगे हम..
आलोक गौतम
सहायक पुलिस आयुक्त
वैशाली नगर जयपुर
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