आर्यसमाज का 149 वां स्थापना दिवस एवं नव संवत्सर 2081 हर्षोल्लास से मनाया
आर्यसमाज का 149 वां स्थापना दिवस एवं नव संवत्सर 2081 हर्षोल्लास से मनाया
बीकानेर 9 अप्रेल। आर्य समाज के 149 वें स्थापना दिवस पर महर्षि दयानंद मार्ग स्थित नगर आर्य समाज में 149 वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में अपने उदगार व्यक्त करते हुए नगर आर्य समाज के प्रधान एवं कार्यक्रम अध्यक्ष महेश आर्य ने कहा किमहर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश रूपी ग्रन्थ दिया जिसमें सभी समस्याओं का समाधान है। मुख्य अतिथि नगर विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि महर्षि दयानंद के सिद्धांतों पर चलते हुए आर्य समाज ने सामाजिक बुराइयों को हटाने में अपनी महत्ती भूमिका निभाई है जिससे राष्ट्र उन्नति के मार्ग पर चल रहा है। विशिष्ट अतिथि डॉ धर्मचंद जैन ने कहा कि राष्ट्र चेतना, नारी उत्थान के साथ कुप्रथाओं पर चोट करते हुए महर्षि दयानंद ने सर्वधर्म समभाव को प्रतिपादित किया। जैन ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रपिता है तो महर्षि दयानंद राष्ट्र पितामह हैं। राजकीय महारानी सुदर्शना कन्या महाविद्यालय बीकानेर की प्राचार्य डॉ.नंदिता सिंघवी ने कहा कि मेरा पूरा जीवन ही आर्यसमाज के आदर्शों से ही आगे बढ़ा है। डॉ.संजय गर्ग और धर्मवीर ने भी अपने उदगार व्यक्त किए।
इससे पहले पंडित केसरलाल के सानिध्य में नवनिर्मित यज्ञशाला में शान्ति यज्ञ प्रारम्भ हुआ जिसमें शहर के गणमान्य नागरिकों, विदुषियों, बीकानेर जिले की समस्त आर्य समाजों से आए आर्य विद्वानों, प्रधान महेश आर्य, डॉ.सतीश कच्छावा एवं धर्मवीर गोम्बर, नरसिंह आर्य सोनी, नरेंद्र आर्य, विनोद सोनी, झंवरलाल, उप प्रधान श्रीमती उषा सोनी, कोषाध्यक्ष श्रीमती रूपा देवी, पुष्पा आर्य द्वारा सामूहिक रूप से विश्व कल्याण की कामना की गयी। संस्था सचिव भगवतीप्रसाद सोनी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भवन निर्माण की प्रक्रिया एवं प्राप्त धनराशि का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में आर.एस.वी. ग्रुप के निदेशक सुभाष स्वामी, भजनोपदेशक यशदेव और रामगोपाल ने भजन सुनाए। कवि राजाराम स्वर्णकार ने अपनी कविता में जिन्दगी के मर्म को प्रतिपादित किया। विक्रम नव संवत्सर के पहले दिन सभी ने विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में चंदन सोनी, शंकरलाल कट्टा, सुरेन्द्र सोनी, प्रेमरतन सोनी ने अपनी सेवाएं प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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