श्रेष्ठ व्यक्ति का सम्मान, समाज और विचारों का सम्मान - कटारिया आलोचना से होता है सुधार का मार्ग प्रशस्त - कटारिया समाज में शिक्षा व संस्कार विश्व कल्याण का मूल ध्येय - प्रो. सारंगदेवोत
श्रेष्ठ व्यक्ति का सम्मान, समाज और विचारों का सम्मान - कटारिया
आलोचना से होता है सुधार का मार्ग प्रशस्त - कटारिया
समाज में शिक्षा व संस्कार विश्व कल्याण का मूल ध्येय - प्रो. सारंगदेवोत
डॉ. संदीप पुरोहित को ‘‘ पं. मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय अलंकरण ’’ सम्मान से नवाजा
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभगार में आयोजित पं. मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान समारोह का शुभारंभ समारेाह अध्यक्ष असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, जल पुरूष डॉ. राजेन्द्र सिंह, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संदीप पुरोहित, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, भूपाल नोबल्स संस्थान के प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी, अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. प्रवीण खण्डेलवाल ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया।
समारोह में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखीय कार्य करने, आमजन को अपने अधिकारों एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए राजस्थान पत्रिका के असिसटेंट एडिटर डॉ. संदीप पुरोहित को ‘‘ पं. मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय अलंकरण ’’ सम्मान समारोह से नवाजा गया, जिसके तहत डॉ. पुरोहित को प्रशस्ति पत्र, 25 हजार रूपये की नकद राशि, स्मृति चिन्ह् दिया गया।
अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विषय तथा व्यक्ति चाहे कोई भी हो लेखनी का सही दिशा में चलना बेहद जरूरी है सही लेखनी से देश की राहें निखर जाती है किन्तु लेखनी का पथ भ्रमित होना, राष्ट्र के पतन का पर्याय है। देश को बचाने के लिए बेबाक और निर्भिक कलम का होना नितान्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आलोचना सदैव आपकी कमियांे को दूर कर सुधार का मार्ग प्रशस्त करती है। सभी को अपनी आलोचनाओं को खुले मन से स्वीकार करके आगे बढ़ना चाहिये। श्रेष्ठ व्यक्ति का सम्मान, समाज और विचारों का सम्मान है। यह वैचारिक परिपक्वता का परिचायक है।
कटारिया ने विद्यापीठ के संस्थापक मनीषी पंडित जर्नादनराय नागर के समाज में साक्षरता और शिक्षा के लिए किए गए प्रयासांे और संघर्षों को याद करते हुए कहा कि संघर्ष ही जीवन को निखारता है। उन्होनें कहा कि हमारा शहर विश्वभर में सबसे खुबसूरत है। उन्होंने सभी से झीलों और उसकी प्राकृतिक संपदा को सहेजने तथा संरक्षित करने का भी आव्हान किया।
कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ शिक्षा, समाज और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनवरत कार्यरत है। संस्थापक मनीषी पंडित जनार्दनराय नागर सदैव सामाजिक सरोकारों के पक्षधर थे। सामाजिक और सामुदायिक दायित्वांे के निर्वहन तथा समाज के उत्थान हेतु कार्य करने वालों को आगे बढ़ाने का कार्य सदैव करता रहा है। विद्यापीठ आज भी उनके द्वारा गढ़े विचारों का अनुगामी है तथा समय समय पर समाज तथा सेवा कार्यों से जुड़ी विभूतियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का प्रयत्न करता है। उन्होंने कहा कि सेवा ही श्रेष्ठतम कर्म है तथा समाज में शिक्षा व संस्कार विश्व कल्याण का मूल ध्येय है। पंडित नागर ने देश के ख्यातनाम व्यक्तियों को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया है उसी श्रृंखला में यह पुरस्कार दिया गया।
समारोह में सम्मानित वरिष्ट पत्रकार और लेखक डॉ संदीप पुरोहित ने अपने पत्रकारिता के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उदयपुर पर जितना प्रकृति का आशीर्वाद है यहां की जनता में भी पर्यावरण को लेकर जागरूकता भी उतनी ही है। उन्होने कहा कि साथ ही सियासी मजबूरियों के बावजूद इस शहर की राजनैतिक शुचिता भी अनूठी और अनुकरणीय है जिसका उदाहरण स्वयं महामहिम गुलाब जी कटारिया है। डॉ. पुरोहित ने कार्यक्षेत्र में कर्तव्यनिष्ठता को प्राथमिक मानते हुए अपने दायित्वों के सफल निरवहन का ही परिणाम है कि आज ऐसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व एवं कृतित्व राष्ट्र पुरूष के नाम से सम्मान प्राप्त हुआ है, इस हेतु विद्यापीठ का आभार जताया। दायित्वों के निरवहन के लिए पुरस्कार की आवश्यकता नहीं होती है। मैने ईमानदारी के साथ कार्य किया। दायित्वों के सफल और स्वच्छ निर्वहन का ही परिणाम ये सम्मान है।
सम्मान समारोह में वॉटरमैन ऑफ इंडिया डॉ. राजेन्द्र सिंह , राजस्थान हाईकोर्ट के अतिरिक्त महाअधिवक्ता डॉ. प्रवीण खंण्डेलवाल, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, अधिवक्ता अशोक सिंघवी, विद्यापीठ के कुलप्रमुख भंवर लाल गुर्जर ,रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. कौशल नागदा, डॉ. पारस जैन, डॉ. युवराज सिंह, प्रो. गजेन्द्रनाथ माथुर, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. मंजू मांडोत, प्रो मलय पानेरी, प्रो. अवनिश नागर, डॉ हेमेन्द्र सिंह चौधरी डॉ. राजन सूद सहित डीन डायरेक्टर्स तथा कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया तथा आभार कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने ज्ञापित किया।
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