महाराणा भूपाल सिंह जी की 140वीं जयंती के तहत आयोजित पांच दिवसीय समारोह के चौथे दिन ‘‘ 15वां लोकजन उत्कृष्ट सेवा सम्मान ’’ समारोह में 30 विभूतियों का किया सम्मान
महाराणा भूपाल सिंह जी की 140वीं जयंती के तहत
आयोजित पांच दिवसीय समारोह के चौथे दिन
‘‘ 15वां लोकजन उत्कृष्ट सेवा सम्मान ’’
समारोह में 30 विभूतियों का किया सम्मान
उदयपुर, 5 मार्च। आधुनिक मेवाड़ के जनक महाराणा भूपाल सिंह की स्मृति को चिरस्थायी बनाने का प्रयास है लोकजन सेवा सम्मान - प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर 05 फरवरी / महाराणा भूपाल सिंह की 140वीं जन्म जयंती पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि एवं लोकजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय समारोह के पांचवे दिन मंगलवार को प्रतानगर स्थित आईटी सभागार में शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, खेल, संगीत, मनोरंजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 30 विभूतियों का मुख्य अतिथि माण्डल विधायक उदयलाल भड़ाणा, कुलपति प्रो. शिवसिंह सांरगदेवोत, पैसिफिक विवि के अध्यक्ष प्रो. के.के. दवे, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर , पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी, उदयपुर के सांसद पद के प्रत्याक्षी डॉ. मन्नालाल रावत, महाराज गजराज सिंह राणावत, समाजसेवी डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री, लाखाराम गुर्जर, जयकिशन चौबे, प्रो. विमल शर्मा ने माला, उपरणा, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया ।
समारोह में वरिष्ठ वक्ताओं ने महाराणा भूपाल सिंह को याद करते हुए कहा कि मेवाड़ त्याग, तपस्या, बलिदान की भूमि रही है - जहॉ स्वामी भक्त घोडे़ की पूजा की जाती है तो हाथी के रूप में रामप्रसाद की पूजा की जाती है। यहॉ के कण कण में स्वामी भक्त की गुंज सुनाई देती है। ऐसे पवित्र स्थल पर जन्म लेना ही गौरव की बात है। मेवाड़ के प्रथम महाराज प्रमुख महाराणा भूपाल सिंह ने स्वाधीन भारत में रियासतों के विलय में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करते हुए मेवाड़ की रियासत का भारत में विलय करना स्वीकार किया। राजशाही शासन से लोक शासन की नींव रखने का पहला प्रयास महाराणा ने किया। महाराणा भूपाल सिंह ने आगामी 100 वर्षों को ध्याम रखते हुए अनेक जनहितकारी कार्यों को किया जिन्हें पूरा मेवाड़ आज भी याद करता है। मेवाड़ में झीलों के विकास एवं निर्माण में अपना अतुलनीय योगदान दिया। लोकजन हिताय के लिए बाहर से आने वाले श्रमिको के लिए फतेह मेमोरियल बनवाया, मारवाड़ से मावली तक रेल्वे लाईन का निर्माण, महाराणा भूपाल चिकित्सालय, बीएन संस्थान, महिला मंडल, विद्याभवन, आयुर्वेद हास्पीटल हेतु भूमि का दान के साथ भोपाल सागर शूगर मिल की स्थापना आदि।
प्रारंभ में प्रो. विमल शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि मेवाड़ के ख्यातनाम महापुरूषों के नाम से उत्कृष्ट व्यक्तियों का सम्मान किया गया, जो हमारे लिए गौरव की बात है। डॉ. जयराज आचार्य ने लोकजन सेवा संस्थान का संस्था परिचय दिया तो दूसरी ओर संस्थापक महासचिव जयकिशन चोबे ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।
संचालन डॉ. प्रमिला शरद व्यास, डॉ. कुलशेखर व्यास ने किया जबकि आभार सहायक आचार्य डॉ. मनीष श्रीामाली ने जताया।
पुस्तक का हुआ विमोचन:-
निजी सचिव केके कुमावत ने बताया कि सम्मान समारोह में अतिथियों द्वारा अक्षय लोकजन द्वारा सम्पादित / प्रकाशित पन्नाधय विशेषांक, ठाकुर अमर चंद बड़वा स्मृति संस्थान की ओर से सम्पादित पुस्तक मेवाड़ के राज्य प्रधान ठाकुर अमर चंद बड़वा व्यक्तित्व एवं कृतित्व का विमोचन किया गया।
इनका हुआ सम्मान:-
संस्थापक महासचिव जयकिशन चौबे ने बताया कि समारोह में कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत को डॉ. राजशेखर व्यास लोकजन सम्मान, टीकमचंद बोहरा को माधव दरक लोकजन सम्मान, डॉ. श्यामसिंह राजपुरोहित को मनीषी पं. जनार्दनराय नागर लोकजन शिक्षा सम्मान, डॉ.़ अर्चना द्विवेदी को रानी लक्ष्मीकुमारी चुण्डावत लोकजन लेखन सम्मान, डॉ. प्रणवदेव को डॉ. गोपीनाथ लोकजन इतिहास सम्मान, डॉ. नरेन्द्र कुमार सनाढ्य को डॉ. बीएन शर्मा स्वास्थ्य लोकजन सम्मान, रामस्वरूप पंचोली को ले.ज. नाथु सिंह राठौड़ लोकजन शौर्य सम्मान, डॉ. कैलाशनाथ द्विवेदी को हारित ऋषि लोकजन सम्मान, सुधीर एस सालुंके को चन्द्रेश व्यास लोकजन पत्रकारिता सम्मान, मनदीप शर्मा को प्रो. राधाकृष्ण वरिष्ठ चित्रकला सम्मान, लक्ष्मण सिंह कर्णावट को किरणमल सावनसुखा लोकजन सेवा सम्मान, डॉ. गणेशचन्द्र श्रोत्रिय को डॉ. एएस राठौड़ कृषि एवं पर्यावरण लोकजन सम्मान, सुरेशचन्द्र तम्बोली को महाराणा भूपाल सिंह लोकजन सेवा सम्मान, कवि गिरिश पालीवाल विद्रोही को पं. विश्वेश्वर शर्मा लोकजन कवि सम्मान, विनोद कुमार दीक्षित को ठाकुर अमरचंद बड़वा लोकजन सेवा सम्मान, कुलदीप जोशी को महाराणा भूपाल सिंह लोकजन सेवा सम्मान, सनत कुमार जैन को ठाकुर अमरचंद बड़वा लोकजन सेवा सम्मान, सत्यपाल सिंह चुण्डावत को बृजमोहन जावलिया लोकजन इतिहास सम्मान, कृष्णा नारायण चरण पड्या को शकुंतला व्यास संस्कृति संरक्षण लोकजन सम्मान, पुष्कर श्रीमाली को महाराणा राजसिंह लोकजन सम्मान, मयूरराज सिंह राव को उत्साद कर्णसिंह चौहान लोकजन खेल रत्न सम्मान, नन्दिनी तोमर को पन्नाधाय चंदन शौर्य लोकजन सम्मान, डॉ. महेश पालीवाल को राजसिंह डूंगरपुर लोकजन खेलरत्न सम्मान, युग चेलानी को उस्ताद हेमराज पानेरी खेलरत्न लोकजन सम्मान, श्यामसुंदर पालीवाल को डॉ. एएस राठौड़ कृषि एवं पर्यावरण लोकजन सम्मान, महाराज जसवंत सिंह राणावत को महाराणा कुंभा लोकजन सम्मान, प्रो. हेमंत द्विवेदी को कुंदनलाल मिस्त्री लोकजन चित्रकला सम्मान, सुधाकर शास्त्री को स्व. नर्बदादेवी मदनलाल शर्मा लोकजन पुष्टिमार्गीय सम्मान से नवाजा गया।
इस अवसर पर डॉ. देव कोठारी, श्रेणीदास चारण, प्रो. सुरेन्द्र सिंह द्विवेदी, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, प्रो. गिरिशनाथ माथुर, हरीश तलरेजा, चेनश्ंाकर दशोरा, सोमशेखर व्यास, जीएल मेनारिया, रामसिंह, पूर्व ग्रुप केप्टन गजेन्द्र सिंह शक्तावत, प्रो. मंजु मांडोत, डॉ. भारत सिंह देवड़ा, डॉ. मनीष श्रीमाली, इन्द्रसिंह राणावत, हरिशंकर पुरोहित , अविनाश खटीक, नरेन्द्र उपाध्याय, एडवोकेट सुनील त्रिपाठी, गणेशलाल नागदा, मनोहर लाल मुंदड़ा, रीना यदुुवंशी, बसंती वैष्णव, दिलीप रावत, सुदर्शन पंचोली, सीमा पंचोली, आशा शर्मा, मदनमोहन त्रिपाठी, श्रुति व्यास, लक्ष्मणपुरी गोस्वामी सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पांच दिवसीय समारोह का समापन बुधवार को:-
प्रो. विमल शर्मा ने बताया कि पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन बुधवार को होगा जिसके तहत सर्वऋतु विलास स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर प्रातः 08 बजे हवन का आयोजन कर किया जायेगा।
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