धांधेला ग्राम पंचायत में पेयजल संकट, सड़कें क्षतिग्रस्त, सरपंच एवं विभागीय अधिकारी मौन

 धांधेला ग्राम पंचायत में पेयजल संकट, सड़कें क्षतिग्रस्त, सरपंच एवं विभागीय अधिकारी मौन


पाटन। के के धांधेला

पाटन।निकटवर्ती ग्राम पंचायत धांधेला में इन दिनों पेयजल संकट बना हुआ है, जिसके चलते महिलाओं को पीने के पानी के लिए दूर दराज जाकर पानी लाना पड़ रहा है। गांव के कुछ लोग महंगे दामों में टैंकरों की व्यवस्था कर पानी मंगवा रहे हैं। टैंकर वाले भी मनमर्जी से पैसे वसूल रहे हैं।इस बारे में ग्रामीणों ने अनेकों बार ग्राम पंचायत सरपंच एवं स्थानीय नेताओं को अवगत भी करवाया परंतु ग्रामीणों की समस्या की तरफ किसी ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके चलते मजबूरन महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है। गांव के अधिकांश वार्डों की सड़क क्षतिग्रस्त एवं जर्जर हो चुकी है, जिस कारण गांव का गंदा पानी सड़कों पर भरा रहता है, ऐसे में आवागमन करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में आदर्श नगर बैसलाला, गुलाबी नगर लुहाराला,नहर के आस-पास,पंचायत के पास, स्कुल के पास, कुम्हारों का मोहल्ला, डूंगरी के पास, शमशानों के पास सहित गली मोहल्लों एवं ढ़ाणियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, सफाई व्यवस्था नाम मात्र है। स्वच्छ भारत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है एवं उनका सपना स्वच्छ भारत का निर्माण करना है ऐसे में मोदी का सपना भी टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। गांव के अनेक लोगों ने सरपंच के अलावा स्थानीय विधायक को भी अवगत करवाया परंतु राजनीति के चलते ग्राम पंचायत में कोई काम नहीं हो पा रहे हैं, जिनका शिकार ग्राम के लोगों को होना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने बताया की गांव में जब भी सरकारी योजनाओं का शिविर लगता है जिसमें जो भी अधिकारी आते हैं तो उनको भी शिकायत की जाती है परंतु अधिकारी भी शिकायतों की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। ऐसे में कहें तो किसको कहें, या यहां यह भी कहा जा सकता है की अंधों की नगरी में रोशनी का क्या काम है ?

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