आरटीओ गाड़ी की लोकेशन देने वाले चढे पुलिस के हत्थे
आरटीओ गाड़ी की लोकेशन देने वाले चढे पुलिस के हत्थे
पाटन। के के धांधेला
पाटन।क्षेत्र में आरटीओ की गाड़ी का पीछा कर व्हाट्सएप ग्रुप पर लोकेशन भेजने वाले व्यक्ति को बुधवार को पाटन पुलिस ने गिरफ्तार कर काम में ली गई बोलेरो कार को भी जब्त कर लिया है।
नीमकाथाना परिवहन उप निरीक्षक रोबिन सिंह ने बताया कि पाटन इलाके में जब कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग की टीम आती है तो सड़क से ओवरलोड वाहन गायब हो जाते हैं। ऐसा कई दिनों से हो रहा था, आज पाटन बाईपास पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही थी इसी दौरान एक बोलेरो गाड़ी हमारा पीछा कर रही थी जिसमें एक युवक सवार था। बोलेरो को रुकवा कर पूछताछ की गई तो वह युवक भागने लगा जिसे पड़कर उसका मोबाइल चैक किया गया तो उसमें लोकेशन के तीन ग्रुप बने हुए थे। तीनों ग्रुप में हमारी गाड़ी की लोकेशन डाली जा रही थी। जिसमें एक ग्रुप देवसेना नीमकाथाना के नाम से बना हुआ था जिसमें 406 मेंबर है और उसका ग्रुप एडमिन रोशन दिलपुरा है। दूसरा ग्रुप श्रीराम आर पार के नाम से मिला जिसमें 427 मेंबर एड हैं जिसका ग्रुप एडमिन हवा सिंह मुक्कङ है। तीसरा ग्रुप सिद्धिविनायक के नाम से है जिसमें 74 मेंबर जुड़े हुए है जिसका ग्रुप एडमिन कुंज बिहारी है। पकड़ा गया युवक बार-बार हमारी गाड़ी की लोकेशन इन तीनों ग्रुपों में भेज रहा था। जिसका मोबाइल जप्त कर युवक को बोलेरो सहित गिरफ्तार करवाया गया है।
पाटन थानाधिकारी नेकीराम ने बताया कि आरटीओ की गाड़ी की लोकेशन व्हाट्सएप ग्रुप में डालने वाले युवक विजय पुत्र रोहितास निवासी बुहाना बास को गाड़ी सहित गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार युवक से गहनता से पूछताछ जारी है। आरोपी के मोबाइल में मिले तीनों लोकेशन ग्रुपों के ग्रुप एडमिन, ग्रुप मेंबर व गिरफ्तार युवक पर मामला दर्ज कर आईटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।
*इंस्पेक्टर रोबिन सिंह ने बताया कि हमारी गाड़ी का पीछा कर गाड़ी की लोकेशन ग्रुप में शेयर की जाती है, जब हम कार्यवाही करने आते हैं तो सड़क पर एक दो गाड़ी ही मिलती
है। विभाग की गाड़ी रात को आए तो भी लोकेशन वाले लोग रात को भी एक्टिव रहते हैं। गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ पर पता चला है की इन ग्रुपों में ऐड करने के लिए बाकायदा 1000 रू महीने की फीस ली जाती है और 24 घंटे आरटीओ की गाड़ी की लोकेशन दी जाती है। जिससे ओवरलोड वाहन चालक आराम से अपने वाहनों को इलाके से निकाल ले जाते हैं।
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