एनबीई पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा सीटों को राज्य स्तरीय काउन्सलिंग द्वारा भरे जाने हेतु आरक्षण नीति लागू की जाए - सांसद डांगी

 एनबीई पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा सीटों को राज्य स्तरीय काउन्सलिंग द्वारा भरे जाने हेतु आरक्षण नीति लागू की जाए - सांसद डांगी 




आबूरोड सिरोही। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने संसद सत्र के दौरान विशेष उल्लेख के तहत एनबीई द्वारा आठ विभिन्न विशेषताओं में राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों के लिये कुल 496 पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा सीटों को राज्य स्तरीय काउन्सलिंग द्वारा भरे जाने हेतु आरक्षण नीति लागू किये जाने की पर जोर देते हुए इसे तत्काल लागू करने और राज्य के सेवारत चिकित्सकों की सीटों की पुनः समीक्षा किये जाने की मांग की सांसद नीरज डांगी ने विशेष उल्लेख के तहत बोलते हुए कहा कि एनबीई द्वारा 8 विभिन्न विशेषताओं में राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं संबद्ध चिकित्सालयों के लिए कुल 496 पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा सीटों की स्वीकृति प्रदान की गई हैं NBE के 02 जून, 2022 के पत्र अनुसार इनमें से 50 प्रतिशत सीटें सेवारत डॉक्टर्स से भरे जाने का प्रावधान हैं। यह भी उल्लेखित है कि काउन्सलिंग के उपरान्त सेवारत डॉक्टर्स की रिक्त रही सीटों को भी राज्य गैर सेवारत चिकित्सकों से नहीं भर सकेगें। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा के प्रवेश के लिए (राज्य के मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल्स) काउन्सलिंग सम्पन्न हुई है। जिसमें सेवारत् चिकित्सकों के लिए आरक्षित 248 सीट्स में से राजस्थान में 90 सीट्स रिक्त रही है। इससे सीटों का सही उपयोग नहीं हो सका हैं जिसे रोका जाना चाहिए। राज्य सरकार इससे इन रिक्त रही सीटों को राज्य के मूल निवासियों से भरना चाहती है, जो कि कोर्स पूर्ण होने पर राज्य को सेवाएं दे सकें। केन्द्रीकृत काउन्सलिंग के माध्यम से भरी गयी 248 सीटों में से मात्र 13 अभ्यर्थी राजस्थान राज्य के चयनित हुये शेष सभी राज्य से बाहर के अभ्यर्थी थे। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार इसे अनुचित मानती है कि स्टेट काउन्सलिंग के लिए सीटों की संख्या कम कर केन्द्रीय कोटे को अधिक सीटें आवंटित की गई है।सांसद डांगी ने सदन में विशेष उल्लेख के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग की कि वर्तमान नीति में सेवारत चिकित्सकों की सीटों की संख्या के प्रावधानों की पुनः समीक्षा की जावें तथा पीजी सीट्स की प्रक्रियानुसार यह राज्य पर छोडा जावें कि वह पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा सीटों को स्टेट काउन्सलिंग के माध्यम से भर लेवें। साथ ही NBE राज्य सरकार को यह अनुमति भी देवें कि वे स्टेट कोटे की सेवारत चिकित्सकों की रिक्त सीटों को गैर सेवारत चिकित्सकों से द्वितीय चरण की काउन्सलिंग के दौरान भर सकें।

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