आयुर्वेद का प्रमुख ध्येय मानव शरीर को निरोगी बनाये रखना - आयुर्वेदाचार्य शर्मा
राकेश जैन राजस्थान उदयपुर
आयुर्वेद चिकित्सा का प्रमुख 70 प्रतिशत ध्येय मानव शरीर को निरोगी बनाये रखना होता है व शेष 30 प्रतिशत रोगोपचार करना - यह कहना था धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित उदयपुर आयुर्वेद महाविद्यालय से सेवनिवृत आयुर्वेदाचार्य प्रो श्रीराम शर्मा का | उन्हीने आज मुस्कान क्लब के सदस्यों को स्वास्थ्य जीवन जीने कला पर सवाद करते हुए कहा की मधुमेह, प्रोस्ट्रेटे ग्रंथि, मेरु दंड स्पाइन गुर्दे की पथरी आदि सभी जटिल बीमारियों का उपचार आयुर्वेद में संभव है|
ओरिएण्टल पैलेस के रिवाह सभागार में आयोजित कार्यक्रम श्रीमती नलिनी बंधु ईश वंदना से प्रारम्भ हुआ| भगवान दास ने बरखा रानी जरा जम के बरसो, सपना वर्मा ने ग़ज़ल - वफ़ा की यहाँ कोई कीमत नहीं होती, सुरेखा बाबेल ने तेरा मेरा प्यार अमर, अशोक जोशी ने दीवाना हुआ बादल, के के त्रिपाठी ने अखियन संग अखियाँ व विमल शर्मा द्वारा रात कली इक ख्वाब सुना संस्कृति प्रस्तुतियां दीं |
मंच संचालक श्री नरेश शर्मा ने विशिष्ठ अतिथि डॉ .श्रीराम शर्मा की उपलब्धियों से सदस्यो को परिचित कराया , एवं मंचासीन पदाधिकारियों द्वारा उनका अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात मुस्कान सदस्य श्री वी के गुप्ता साहब एवं श्री एस एल चंडालिया ने डॉक्टर शर्मा द्वारा उनकी की गई सफल चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि वे दोनों आज डॉ शर्मा की चिकित्सा के प्रणामस्वरूप ही पुनर्जीवित सा अनुभव कर रहें है। डॉक्टर शर्मा द्वारा वैदिक मंत्र के साथ उद्बोधन व मनमोहक बांसुरीवादन से सभी का मन मोह लिया | जून माह में जन्मे उपस्थित सदस्यों व नये सदस्यो का अभिनंदन किया गया। राष्ट्र गान व अल्पाहार से कार्यक्रम का समापन हुआ |
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