नीमकाथाना सदर पुलिस द्वारा जांच के नाम पर तानाशाही एवं नक्सलियों जैसा व्यवहार
नीमकाथाना सदर पुलिस द्वारा जांच के नाम पर तानाशाही एवं नक्सलियों जैसा व्यवहार
करना:-नीमकाथाना के निकट गांव गणेश्वर के अधीन और दो खेत वालों का आपस में सीमा संबंधी विवाद था जिसका माननीय न्यायालय नीमकाथाना में दोनों पड़ोसियों का वाद हाल, वर्तमान में चल ही रहा है। अभी 7 तारीख को कोई विवाद हुआ आपस में उसे दौरान वहां के ग्रामीणों ने बताया की राज कार्य में बढ़ाओ अब पुलिस बदतमीजी का मामला है। लेकिन हमारे लोगों को पुलिस द्वारा वर्तमान में गिरफ्तार व हवालात दौरान *नक्स ली *जैसा व्यवहार किया जा रहा है ⁉️ और ग्रामीणों ने बताया कि हमारी ढानी और गांव में दिन ,रात ,दोपहर ,में दबीश दी जा रही है *जी हां* दबिश देना और आपराधिक तत्वों पर राजस्थान पुलिस मामला दर्ज कर माननीय एसडीम महोदय के पास चालान पेश का कार्य होना होता है ।लेकिन यदि उससे पूर्व सदर पुलिस थाने में सदर पुलिस की मिली भगत व उनके जवानों द्वारा की जा रही थर्ड डिग्री नियम अनुसार********** जानलेवा *******भी हो जाती है ठीक ऐसा ही वाक्य पिछले दिनों खेतड़ी थाने में घटित हुआ था⁉️ और उसमें बंदी की मृत्यु होना पाया गया ⁉️⁉️⁉️
जैसा कि आज इलेक्ट्रिक रिपोर्टर न्यूज़ टीम हर साल वाली ग्राम में गई तो वहां के युवा माडू राम ने हमें अपनी अथ से इति तक जानकारी दी -हरि सिंह जी ने जमीन नपती के कागजात एसडीएम नीमकाथाना कार्यालय में दिए गए एसडीम नेम का थाना के आदेश पत्र संख्या 412 ऑब्लिक 2024 दिनांक 15 4 2025 को जारी हुए।
उपरांत 7 5 2015 को पटवारी दिनेश जाट व गिरदावर जय सिंह के द्वारा भूमि को नपती की गई पटवारी में गिरदावर के जाने के पश्चात धर्मपाल लीलाराम पप्पू राजू शेर सिंह मनजीत और कालू **यह सभी यादव है *****आदि ने आपस में निर्णय कर पूर्व नियोजित योजना के अनुसार इनके साथ उनके घर की सभी महिलाएं भी थी। इन्होंने एक राय होकर दांतला और कुल्हाड़ी, सरिया, लोहे के पाइप( भारी) इनके पास थे। इन्होंने एकाएक हरि सिंह जी ओर मूलचंद व उनके पूरे परिवार पर जानलेवा हमला किया। जबकि जगदीश यादव ने माड़ूराम को फोन करके बुलाया था। उसके उपरांत बातों बातों में बरगला कर धोखे से हमला कर दिया, जिसमें हरि सिंह जी को सिर में गंभीर चोटे लगी ❓❓❓जो की राजकीय कपिल चिकित्सालय से रेफर उपरांत जयपुर के निजी अस्पताल बराला में एडमिट है। और बराला हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में मौत से जूझ रहे हैं। शेष परिवार के लोग भी लोगों के भी पूरे शरीर पर चोटे आई है ।उसके उपरांत 10 म ई 2025 को राजेश मीणा बीट अधिकारी गणेश्वर सिविल ड्रेस में जाकर, जो की विवादित जमीन थी। इस जमीन का बिजान खड़े होकर करवा दिया❓ फिर राजवीर ने सदर थाना नीमकाथाना में वाक्या की सूचना दी। तो उप निरीक्षक महोदय ने कहा कि हमारा कोई काम नहीं है⁉️ राजवीर एस आई का जवाब सुनकर घर लौट गया ।उसके बाद समस्त गांव वीडियो में एकत्रित होकर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए , मंदिर माफी की जमीन पर इकट्ठे हो गए। विपक्षी लोगों से स्नेहपूर्वक बात बातचीत की। उसे दौरान राजस्थान पुलिस सदर थाना नीमकाथाना के श्री राजेश मीणा, व दो अन्य कांस्टेबल भी वहां उपस्थित थे। लेकिन विपक्षी लोगों ने गांव वालों की बात भी नहीं सुनी❓❓❓ और उधर ,वापस उन्होंने मारपीट शुरू हुई,गाली गलौज शुरू कर दी! गांव वालों के साथ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।
और तालाब तथ्य यह है, कि* राजस्थान पुलिस के तीन तीन जवानों की उपस्थिति में** आपस में लड़ाई झगड़ा हो जाना, यह कहीं ना कहीं राजस्थान पुलिस पर सवालिया निशान लगाता है ⁉️⁉️⁉️⁉️⁉️और यह वाक्या राजस्थान पुलिस के अधीन सदर थाना नीमकाथाना पुलिस की
*लाल फीता शाही *को दर्शाता है?
और विशेष गौरतलब तथ्य यह रहा ,की सदर थाना पुलिस नीम का थाना द्वारा पीड़ित पक्ष का ही उल्टा मुकदमा दर्ज किया गया ,जो कि *कानून** पर सवाल खड़े करता है ।राजेश मीणा ने अपनी विशेष जाति का लाभ उठाकर पीड़ित पक्ष पर एससी एसटी एक्ट का भी मुकदमा दर्ज का करवा दिया है ।लेकिन ऐसा कांस्टेबल राजेश मीणा के साथ कुछ भी घटित नहीं हुआ था, जैसा उन्होंने उल्लेख किया है। उन्होंने दुर्भावना वश या किसी के बहकावे या सुविधा शुल्क से ऐसा किया है। इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ रिपोर्टर, शिंभू सिंह शेखावत सीकर नीमकाथा
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