गठिया व साइटिका की रामबाण औषधि है हरसिंगार।
गठिया व साइटिका की रामबाण औषधि है हरसिंगार।
आयुर्वेद में हजारों ऐसे औषधीय पौधों का जिक्र है जिसका उपयोग उत्तम स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है। इनमें से ज्यादातर औषधीय पौधे हमारे आसपास ही पाए जाते हैं उनमें से हरसिंगार भी एक ऐसा पौधा है जिनका औषधीय महत्व बहुत अधिक है। भारतीय पौराणिक साहित्य के अनुसार यह पौधा सीधा स्वर्ग से धरती पर आया।
श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र कांटिया ने बताया कि हरसिंगार जिसे पारिजात भी कहा जाता है । इसका वैज्ञानिक नाम निकटेंथीज अर्बोट्रिस्टिस है।यह ओलिएसी कुल का सदस्य है इसकी ऊंचाई लगभग 10 - 11 मीटर तक होती है। इसकी पत्तियों की चाय व काढ़ा सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, गले की खराश आदि के लिए रामबाण औषधि है
हरसिंगार के फूल, पत्तियां, छाल व बीज आदि सभी औषधि के रूप में बहुत उपयोगी है। साइटिका रोग में हरसिंगार सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसके फूलों की खुशबू बहुत मनमोहक होती है। जो मानसिक तनाव को दूर करती है।
डॉ कांटिया ने बताया कि हरसिंगार के पेड़ में एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी तथा जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जो कि शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। हरसिंगार एक औषधि के रूप में रक्त शुद्धीकरण में भी उपयोग किया जाता है। इसके पत्तों का जूस पीने से रक्त की सफाई होती है तथा रक्त संबंधी विकार दूर होते हैं इसके अलावा हरसिंगार की पत्तियों का रस मलेरिया परजीवी को मारने में लाभदायक होता है।
इसके फूलों की कलियां स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म रोग उपचार में उपयोगी होती हैं इसके पत्तों का रस पाचन शक्ति के सुधार में लाभदायक है यह पेट के कीड़ों को मारता है तथा पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है।
हरसिंगार एक शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीवायरल औषधि है यह त्वचा के विभिन्न प्रकार के संक्रमण जैसे त्वचा पर चकते व एलर्जी आदि में बेहद लाभदायक है ।
हरसिंगार में एंटी रूमेटिक गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से इसकी पत्तियां गठिया रोग के उपचार में लाभदायक है। यह मांसपेशियों में तनाव, संधिशोथ तथा मांसपेशियों में दर्द को कम करता है । इसके तने की छाल का पाउडर गठिया रोग, जोड़ दर्द व मलेरिया रोग उपचार में उपयोगी होता है तथा पत्तों, फूलों व टहनियां का मिश्रित रस पीने से जोड़ों के दर्द व सूजन में राहत मिलती है। इसके फूलों का लेप जोड़ों की सूजन को कम करता है। अतः हरसिंगार का उपयोग विभिन्न विकारों तथा बीमारियों में जैसे गठिया, साइटिका, त्वचा रोग, बुखार, डेंगू, मलेरिया, सूखी खांसी, मधुमेह, हृदय रोग व स्त्री रोग आदि सभी में किया जाता है। यह शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है तथा उसे रोग प्रतिरोधी बनाता है।
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