फेंके नहीं, हमें दें" अभियान के तहत नवजात बालिका का पालना गृह में सुरक्षित परित्याग
"फेंके नहीं, हमें दें" अभियान के तहत नवजात बालिका का पालना गृह में सुरक्षित परित्याग
राजसमंद / पुष्पा सोनी
"फेंके नहीं, हमें दें" अभियान के अंतर्गत जिला मुख्यालय स्थित आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय के पालना गृह में रविवार शाम करीब 7 बजे एक नवजात बालिका का सुरक्षित परित्याग किया गया। नवजात बालिका को पालना गृह में छोड़ने के बाद उसकी देखरेख और स्वास्थ्य जांच की संपूर्ण व्यवस्था चिकित्सालय प्रशासन द्वारा की गई।
बालिका का नाम "सिया" रखा गया है। सोमवार को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती कोमल पालीवाल, सदस्य श्री बहादुरसिंह, श्री हरजेंद्र सिंह चौधरी, श्रीमती सीमा डागलिया, श्रीमती रेखा गुर्जर एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक एवं राजकीय शिशु गृह अधीक्षक श्री दीपेंद्रसिंह शेखावत, समन्वयक श्री प्रकाशचंद्र सालवी ने चिकित्सालय पहुंच कर बालिका की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली।
प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश रजक के निर्देशन में डॉ. सारांश संबल, डॉ. सावन सोनी, डॉ. अभिषेक, डॉ. भरत कुमार एवं नर्सिंग स्टाफ द्वारा नवजात की विशेष देखभाल की जा रही है। इसमें सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्री नानालाल कुमावत, श्री प्रेमशंकर पुरबिया, नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती नूतन रेगर, श्रीमती प्रेमलता रेगर, श्रीमती रेखा गाडरी, श्रीमती भावना आमेटा, श्रीमती लीला राठौड़, श्रीमती अदिति वर्मा, श्रीमती पुष्पा कुमावत, श्रीमती निशा माली एवं सुरक्षा गार्ड श्रीमती मीना सेन सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती कोमल पालीवाल ने बताया कि जिले में अनचाहे नवजात शिशुओं के सुरक्षित परित्याग हेतु आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय, श्री गोवर्धन जिला चिकित्सालय नाथद्वारा एवं वेदांता ग्रुप व हिंदुस्तान जिंक के सहयोग से 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पालना गृह स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र कांकरोली, रेलमगरा, दरिबा, गिलूण्ड, कुरज, सालोर, देलवाड़ा, खमनोर, झालों की मदार, केलवा, केलवाड़ा, चारभुजा, आमेट, छापली, देवगढ़ व भीम में संचालित हैं।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे अनचाहे नवजात शिशुओं को कचरे, नदी, मंदिर या जंगल में न छोड़ें। सुरक्षित परित्याग के माध्यम से शिशु का जीवन बचाया जा सकता है और उसे केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण की प्रक्रिया द्वारा किसी परिवार का उजाला बनाया जा सकता है।
शिशु को सुरक्षित रूप से अभ्यर्पित करने हेतु कोई भी परिजन अथवा रिश्तेदार बाल कल्याण समिति कार्यालय (ने.हा 8, देवथड़ी रोड के सामने) पर संपर्क कर सकता है। अभ्यर्पण करने वाले की पहचान पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाती है।
शिशु गृह समन्वयक श्री प्रकाशचंद्र सालवी ने बताया कि ऐसे दंपत्ति जो संतान सुख से वंचित हैं, वे कारा पोर्टल पर पंजीकरण कर या राजकीय शिशु गृह (स्थान – गोराजी कालाजी मंदिर के पीछे, कलालवाटी) में संपर्क कर दत्तक ग्रहण प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
राजकीय शिशु गृह, कलालवाटी
बाल कल्याण समिति कार्यालय, देवथड़ी रोड, राजसमंद से संपर्क कर सकते हैं।
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