अब्बास नामक व्यक्ति खुलेआम गंदगी फैलाने, महिलाओं को धमकाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने जैसे गंभीर कृत्यों में लिप्त
राजसमंद जिले की शर्मनाक घटना पर मीडिया की रिपोर्ट
राजसमंद / श्रीमती पुष्पा सोनी
राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र के पुराने थाना के पीछे एक बेहद शर्मनाक और निंदनीय घटना घटी है। यह वह स्थान है जहाँ अब्बास नामक व्यक्ति खुलेआम गंदगी फैलाने, महिलाओं को धमकाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने जैसे गंभीर कृत्यों में लिप्त
पाया गया। इस व्यक्ति का घिनौना कृत्य समाज में डर और अशांति फैला रहा है, और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठते हैं। इस व्यक्ति का कृत्य न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को भी नुकसान पहुँचाता है।
प्रेस रिपोर्टर श्रीमती पुष्पा सोनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह घटना 17 अप्रैल 2025 की सुबह की है। जब वे रोज की तरह अपने घर के आंगन का कचरा बाहर निकालने गई थी, तब उन्होंने अब्बास नामक व्यक्ति को खुलेआम बाथरूम करते हुए देखा। जब टोका गया, तो वह व्यक्ति बोला – "अमोलकचंद को बोलो, भगवान सिंधी को बोलो, इंद्रजीत खत्री वकील को बोलो, उन्होंने कहा है कि यहाँ पर अराजकता फैलानी है और गंद फैलानी है।" यह न केवल एक महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला बयान है, बल्कि यह दर्शाता है कि उक्त व्यक्ति को कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है। वह महिलाइस घटना की शिकायत पिछले 1 साल से लगातार पुलिस थाने और 181 महिला हेल्पलाइन पर कर रही हैं, परंतु किसी भी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
महिला का आक्रोश भरा सवाल है-"क्या मैं इस देश की नागरिक नहीं हूं? क्या मेरी आवाज़ का कोई मूल्य नहीं?" वीडियो में जो आवाज़ सुनाई दे रही है, वह उनकी धर्म की बेटी की है, जिसकी डिलीवरी को अभी एक महीना हुआ है। उसी बेटी ने यह स्पष्ट गवाही दी है कि उसने अब्बास को कई बार बाथरूम करते हुए देखा है, और यह भी कहा कि रात को 2 बजे वह व्यक्ति उसे धमकी देता है।
अब्बास नामक यह व्यक्ति पहले भी कई बार हिंदू धर्म के धार्मिक आयोजनों में विघ्न डाल चुका है। हाल ही में, भिम में श्रीराम के जन्मोत्सव और नवदुर्गा पूजा के दौरान भी उसने गंदगी फैलाकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई। महाकाली माता मंदिर के समक्ष, कट्टर मानसिकता से प्रेरित यह व्यक्ति ने मंदिर क्षेत्र में शौच कर गंदगी फैलाई जिससे धार्मिक अनुष्ठानों में बाधा उत्पन्न हुई। वीडियो व चश्मदीद गवाहों के अनुसार, उसने जानबूझकर राम जन्मोत्सव और नव दुर्गा पूजन के दौरान अपवित्रता फैलाने का कार्य किया—यहां तक कि मंदिर द्वार पर मूत्र और थूक फेंककर वहां उपस्थित कन्याओं व श्रद्धालुओं को मानसिक आघात पहुँचाया। इसके बाद, इस घटना के खिलाफ शिकायतें दी गईं, लेकिन प्रशासन ने कोई कठोर कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते समाज में आक्रोश और भय का माहौल बना हुआ है। इस शर्मनाक कृत्य के विरुद्ध शिकायतें दी गईं, परंतु प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे समाज में आक्रोश और भय का माहौल व्याप्त है। अब्बास नामक यह व्यक्ति, कई प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में, पहले भी हिंदू धर्म के कार्यक्रमों में विघ्न डालता आया है और अब खुलेआम चुनौती देता है कि वह आगे भी ऐसे कृत्य करता रहेगा।
अब्बास जैसे अराजक तत्वों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्या प्रशासन ऐसे लोगों को संरक्षण दे रहा है? महिला की FIR तक दर्ज नहीं की जा रही है? यह सवाल आज हर नागरिक के मन में उठ रहा है। जब कानून के रक्षक ही आँखें मूँद लें, तो आम नागरिक कहाँ जाए?
यह घटना समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी है। आज समाज को इस तरह के अराजक तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी। अगर आज हमने चुप्पी साध ली, तो कल हमारी बहन-बेटियाँ भी असुरक्षित होंगी। आज हम सब को मिलकर यह आवाज उठानी होगी कि एक अकेली महिला को न्याय दिलवाकर समाज को एक उदाहरण पेश करें, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के कृत्य करने से पहले सौ बार सोचे।
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