संयुक्त निदेशक पशु पालन करौली और निदेशालय कार्य में लापरवाही --

 संयुक्त निदेशक पशु पालन करौली और निदेशालय कार्य में लापरवाही --



कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! करौली संयुक्त निदेशक पशु पालन विभाग की लापरवाही  से पूर्व कर्मचारी की सर्विस बुक और सेवा रिकॉर्ड को इधर उधर आपस में कर देने के बावजूद किसी भी कर्मचारी और अधिकारियो को कोई फिक्र नहीं है? सिर्फ और सिर्फ, अहम के वहम के कारण ,सेवा समाप्ति की एक दूसरे को गलत दबाब बना कर, दुष्ट मानसिकता के चलते कह- कह, गलत रिपोर्टिंग कर, नितांत दुष्ट कार्य कर स्थाई, वर्षों तक संतोष प्रद कार्य होने पर उत्तम सेवाएं होने और 9 वर्षीय चयनित वेतनमान राज्य सरकार द्वारा स्विकृत वित्त विभाग एवं पशु पालन विभाग से भुगतान होने पर भी कर्मचारी को प्रतिदिन रिश्वत खाने के लिए धूर्तों द्वारा परेशान किया जाता ? बारा से बार बार कार्य मुक्ति को कहा जाने पर इन धूर्तों को  निदेशक, रंजन साहब ने पत्रांक 6953 जयपुर 20-09-1994 से फटकार लगाई गई ? इनके उपर कोई असर नहीं हुआ?जब जी में आया, पशु पालन के कर्मी मदन मोहन और अन्य लिपिक वर्ग एवं निकृष्ठ अधिकारियों की दूसरे के रिकॉर्ड को गायब, हेर फेर करा देते हैं? रंजन साहब पत्रांक 5269 जयपुर संलग्न ड्यूटी प्रमाणित दि.20- 09-1994 से सितंबर, 1994 का वेतन नियमानुसार दिया गया था, तो बालेर चिकित्सालय का वेतन नियमानुसार उपस्थिति मानते हुए भुगतान क्यों नहीं किया गया?? 

कैलाश कौशिक पूर्व एल.एस.ए. की सर्विस बुक 📕 अभी उम्मीद है कि पत्र क्रमांक- 6014  करौली  दि.31 / 05  / 2012    से पशु पालन निदेशालय, जयपुर में भेजना बताया गया है  ? जिसके गहनता से अवलोकन पर स्पष्ट होता है! 

लापर वाही के चलते, बेहद मानसिक स्थिति खराब हुई कि अब भी कोई पशु पालन विभाग में अपेक्षित सुधार शेष रह जाते हैं! विभागीय शासन, प्रशासन सर्विस बुक शीघ्र उपलब्ध कराकर शेष वेतन अवकाश स्विकृति और बोनस, अवकाश बैलेंस, एरीयर चयनित वेतनमान नियमानुसार भुगतान कराएंगे और हाई कोर्ट निर्णय तक वरिष्ठ नागरिक होने के जीवन यापन हेतु बनती है, दिया जाना सुनिश्चित करेंगे!

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