उत्तर पश्चिम रेलवे के दौसा स्टेशन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा "शून्य प्लस" अवार्ड प्रदान किया गया* *उत्तर पश्चिम रेलवे एवं राजस्थान में "शून्य प्लस" अवार्ड प्राप्त करने वाला पहला स्टेशन बना*
*उत्तर पश्चिम रेलवे के दौसा स्टेशन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा "शून्य प्लस" अवार्ड प्रदान किया गया*
*उत्तर पश्चिम रेलवे एवं राजस्थान में "शून्य प्लस" अवार्ड प्राप्त करने वाला पहला स्टेशन बना*
*सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्ष उपकरणों के उपयोग से बिजली बचत में अहम योगदान*
ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे में नवाचारों का उपयोग कर प्रयासों को सुदृढ़ किया जा रहा है। ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के लिए रेलवे लगातार सकारात्मक कदम उठा रहा है, जिसमें परम्परागत संसाधनों के स्थान पर पर्यावरण अनुकूल स्त्रोतो का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा हैं। ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यां के फलस्वरूप उत्तर पश्चिम रेलवे के दौसा स्टेशन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा शून्य प्लस अवार्ड प्रदान किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि उत्तर पश्चिम रेलवे एवं राजस्थान में पहली बार किसी स्टेशन को शून्य प्लस अवार्ड प्रदान किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार श्री अमिताभ, महाप्रबंधक, उत्तर पश्चिम रेलवे के दिशा-निर्देशों से उत्तर पश्चिम रेलवे प्रदुषण रहित तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति दायित्व के प्रयासों को गति प्रदान कर पर्यावरण संरक्षण के कार्यार् को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के ऊर्जा संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के फलस्वरूप दौसा स्टेशन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा शून्य प्लस अवार्ड प्रदान किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर यह अवार्ड पहली बार प्रदान किया गया है। दौसा स्टेशन पर ऊर्जा संरक्षण के लिए अनेक कार्य किए गए है। दौसा स्टेशन पर बिल्डिंग और सर्विस क्षेत्र में पर्याप्त बिजली उपलब्धता के लिए 110 किलोवाट लोड कनेक्ट किया गया है। दौसा स्टेशन पर प्रतिवर्ष लगभग 1.28 किलोवाट घंटा बिजली की खपत/उपभोग होती है तथा स्टेशन पर स्थापित सौर ऊर्जा पैनल व नवीनीकरण ऊर्जा के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 1.32 किलोवाट घंटा बिजली उत्पन्न की जा रही है। इस प्रकार दौसा स्टेशन पर होने वाली खपत से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है तथा प्रतिवर्ष लगभग 13.20 लाख रूपए की बचत की जा रही है।
दौसा स्टेशन पर 100 किलोवाट पीक क्षमता का सौलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है जिससे पर्यावरण अनुकूल व कार्बन उत्सर्जन रहित बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। दौसा स्टेशन पर ऊर्जा संरक्षण के लिए नई तकनीकयुक्त तथा ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। सम्पूर्ण स्टेशन परिसर व सर्विस बिल्डिंग क्षेत्रों में एलईडी लाइट का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही लाइट को सेंसर से जोडकर आवश्यकतानुसार लाइट का उपभोग किया जा रहा है। दौसा स्टेशन पर यात्री सुविधा के लिए उच्च क्षमता के एचवीएलएस पंखों का उपयोग कर बिजली की बचत की जा रही है। स्टेशन परिसर में स्थापित हाई मास्ट टावर को टाइमर स्विच के साथ जोडना, पानी आपूर्ति के लिए काम में आने वाले पम्पों को वेब आधारित सिस्टम से संचालित करना, प्लेटफॉर्म लाइटों का कन्ट्रोल, सौलर गीजर का उपयोग इत्यादि भी बिजली की बचत में अहम कडी बने है।
दौसा स्टेशन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा शून्य प्लस अवार्ड 3 वर्ष के लिए जारी किया गया है।
रेलवे का प्रयास है कि पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के लिए यथासंभव कार्य किए जाए और पर्यावरण अनूकुल स्त्रोतो का अधिकाधिक उपयोग किया जाए। रेलवे का सौर ऊर्जा तथा ऊर्जा दक्ष उपकरणो पर यह प्रयास निरंतर और अनवरत जारी है।
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