स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत करोड़ों रुपये व्यय लेकिन देश लक्ष्य से कोसों दूर - सांसद डांगी

 स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत करोड़ों रुपये व्यय लेकिन देश लक्ष्य से कोसों दूर - सांसद डांगी 



आबूरोड (सिरोही)। सांसद नीरज डांगी ने सदन में उठाये गये तारांकित प्रश्न के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के क्रियान्वयन पर शहरी क्षेत्रों में इस मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बाद भी आज शहरी क्षेत्रों में आज भी खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने तारांकित प्रश्न के माध्यम से केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर को आड़े हाथों लिया, इस मिशन के लक्ष्य से देश अभी भी कोसों दूर है। सांसद नीरज डांगी ने बताया स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का प्रारंभ 01 अक्टूबर 2021 को पांच साल के लिये किया गया था। परन्तु इसके कार्यान्वयन के लिये प्रयुक्त प्रौद्योगिकी और इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच में प्रतिवर्ष दर्ज की गई औसतन गिरावट को देखते हुए केन्द्र सरकार के इस मिशन द्वारा खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में अभी भी कई साल लग सकते हैं, जबकि इस मिशन का 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हेतु निर्धारित एक वर्ष ही शेष रहा है। डांगी के प्रश्न के प्रत्युत्तर में आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने बताया कि एसबीएम-यू 2.0 के तहत प्रयुक्त जल प्रबंधन भी एक नया घटक जोड़ा है जिसका उ‌द्देश्य 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में मल कीचड़ और सेप्टेज का समग्र निपटान करना है। केन्द्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन (सीपीएचईईओ) के मैनुअल और समय समय पर जारी की गई एडवाइजरी में उल्लेखित किसी भी प्रामाणिक प्रौद्योगिकी को चुनने की अनुमति दी गई है। परन्तु वर्तमान में इस घटक एवं प्रौद्योगिकियों पर स्थानीय निकायों/राज्य सरकारों द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। नीरज डांगी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिसका प्रमुख उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाना था अक्टूबर 2019 में 35 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 4371 शहरी निकाय खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। 63.74 लाख व्यक्तिगत घरेल शौचालय इकाइयों के निर्माण बताया गया है परन्तु मौके पर इन इकाईयों का अता-पता नहीं है। वर्तमान में 1177.22 करोड़ रुपये आवंटित किये गये है जिससे 4889 शहरों / स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है परन्तु असलियत में देखा जाए तो आज भी ये निकायें खुले में शौच से मुक्त नहीं है। डाँगी ने केन्द्र सरकार से मांग कि की इस स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति का आंकलन कराया जाकर इस मिशन के तहत व्यय होने वाली राशि के दुरुपयोग को रोकने सहित उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि लक्ष्य अनुसार शहरी क्षेत्रों का कायाकल्प हो सकें।

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