श्रीनाथजी के भंडार पर फूलडोल लोकोत्सव की धूम सतरंगी फागोत्सव में बिखरे कला और संस्कृति के रंग

 श्रीनाथजी के भंडार पर फूलडोल लोकोत्सव की धूम


सतरंगी फागोत्सव में बिखरे कला और संस्कृति के रंग



कोटा/ उदयपुर जनतंत्र की आवाज । गढ़ पेलेस के सामने स्थित श्रीनाथजी के भंडार पर फूलडोल लोकोत्सव उत्साह पूर्वक मनाया गया । कार्यक्रम का आयोजन सुरश्रृंगार के  तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम संयोजिका संगीत वाटिका की निदेशक डॉ. शिल्पी सक्सेना ने बताया की पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार बड़े मथुराधीश मंदिर एवं देवस्थान विभाग के मंदिरों में बसंत पंचमी से ही होली के रंग बिखरने लगते हैं। इनका समापन फूलडोल उत्सव के साथ संपन्न होता है। कार्यक्रम का आरंभ संस्था के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह राणा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर भजन गायक संजय शर्मा, विवेक शर्मा, सत्यनारायण गोस्वामी, पंडित रघुवीर गौतम जी ने फाग के सुंदर गीतों की विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत कर ठाकुर जी को रिझाया। फाग में रंग बरसाने आए हैं नटवर नंद किशोर.. पीछे से आयो नंदलाल मोपे रंग डाल गयो है...एसो चटक मटक सो ठाकुर...रसिया को नार बनाई गई रे...बरसाने दमक रह्यो रांगीलो आयो फगुणियो.. सरीखे भजनों पर जमकर झूमे श्रद्धालु । श्रीनाथजी के भंडार से अधिकारी लोकेश बाबा जी ने बताया कि इस अवसर पर ठाकुर जी को डोल (झूला/विमान) में बिठाया जाता है । संपूर्ण फाग माह में ठाकुर जी भक्त जनों के साथ सखा भाव में होली खेलते हैं। मंदिर में अबीर, गुलाल, चंदन, चोवा छिड़का गया। सभी भक्तजनों ने भजनों से सराबोर हो नृत्य करते हुए ठाकुर जी के साथ फूलों की होली खेली। सुरश्रृंगार संस्था इस तरह के आयोजनों के माध्यम से अपनी विरसात और संस्कृति को आम जनतक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध एवं कार्यरत है ।

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