जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ और नंदकुंवरबा कॉलेज के बीच हुआ एमओयू*

 *जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ और नंदकुंवरबा कॉलेज के बीच हुआ एमओयू*



उदयपुर जनतंत्र की आवाज। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय), उदयपुर और नंदकुंवरबा कॉलेज, भावनगर के बीच शैक्षणिक, शोध और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को सशक्त करना है। इसके तहत संयुक्त डिग्री कार्यक्रम, छात्र एवं संकाय विनिमय कार्यक्रम, पाठ्यक्रम विकास और कौशल विकास प्रमाणपत्र कार्यक्रम का संचालन, संयुक्त कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया जाएगा। शोध के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से तकनीकी नवाचार सहित एनइपी के तहत शैक्षणिक क्रेडिट की पारस्परिक मान्यता एवं छात्र विनिमय को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

नंदकुंवरबा कॉलेज के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. भरतसिंह गुहिल ने कहा कि यह एमओयू दोनों संस्थानों के शैक्षणिक, शोध और नवाचार क्षमताओं को सशक्त करेगा, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को नए अवसर प्राप्त होंगे।

एमओयू पर प्रो. कर्नल एस. एस. सारंगदेवोत और डॉ. भरतसिंह गुहिल ने हस्ताक्षर किए। साक्षी के रूप में डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी और डॉ. समकित शाह थे। कार्यक्रम में प्रिन्सिबा गोहिल, डॉ. नम्रता सोलंकी, प्रो. एकता भालिया, प्रो. केयूर शाह, अंकिताबेन पटेल, प्रो. पूनम, प्रो. अल्पेशसिंह, प्रो. जितेंद्र भट्ट, डॉ. सत्यकी भट्ट, प्रो. दृष्टिबेन, प्रो. हेमिशबेन, प्रो. दीपक मकवाना, प्रो. श्रद्धाबेन मकवाना, निजी सचिव के.के. कुमावत, विकास डांगी सहित अनेक शिक्षाविद् एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग