छह महीने से न्याय की गुहार: कृष्णा गजक भंडार के मालिक गोविंद सैनी के साथ हो रहा है अन्याय डीएलबी विभाग कर रहा है मनमानी


 छह महीने से न्याय की गुहार: कृष्णा गजक भंडार के मालिक गोविंद सैनी के साथ हो रहा है अन्याय डीएलबी विभाग कर रहा है मनमानी



जयपुर। त्रिपोलिया बाजार स्थित दुकान नंबर 255 कृष्ण गजक भंडार के मालिक गोविंद सैनी के साथ धोखाधड़ी और प्रशासनिक लापरवाही का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गोविंद सैनी का आरोप है कि जयपुर निवासी आजाद गुप्ता ने छल-कपट और धोखाधड़ी से उनकी दुकान की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली। इसके बाद गोविंद सैनी ने जयपुर न्यायालय में रजिस्ट्री रद्द करवाने के लिए दावा दायर किया।


धोखाधड़ी के बाद निगम की कार्यवाही


दावा दर्ज होने के बाद आजाद गुप्ता ने अपने निजी प्रभाव और सुविधा शुल्क का उपयोग कर नगर निगम, किशनपोल जोन, घाट गेट में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में दुकान को जूस की मशीन जनरेटर से चलाने का आरोप लगाकर दुकान को सील करवा दिया गया।


गोविंद सैनी ने इस कार्यवाही का विरोध किया और मामला निगम के हेड ऑफिस में विधिक राय के लिए भेजा गया। विधिक राय गोविंद सैनी के पक्ष में आने के बावजूद नगर निगम के डीएलबी विभाग के कर्मचारियों ने मामले को बार-बार उलझाने का प्रयास किया।


चार बार मांगा स्पष्टीकरण, जुर्माना भी वसूला गया



नगर निगम किशनपोल जोन के उपायुक्त पूजा मीणा ने स्पष्ट रूप से डीएलबी को चार बार निर्देश भेजे कि दुकान खोलने में कोई आपत्ति नहीं है। गोविंद सैनी से लगभग 37,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। इसके बावजूद डीएलबी विभाग के निदेशक और बाबू बार-बार स्पष्टीकरण के नाम पर मामला लटकाए हुए हैं।


परिवार की रोजी-रोटी पर संकट



गोविंद सैनी ने कहा, "यह दुकान मेरी और मेरे परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन है। छह महीने से दुकान बंद होने के कारण मेरा पूरा परिवार बेरोजगार हो गया है। डीएलबी विभाग की लापरवाही ने मुझे मानसिक आघात दिया है।"


मंत्री से की निष्पक्ष जांच की मांग


गोविंद सैनी ने मामले की निष्पक्ष जांच और तुरंत दुकान खोलने की मांग को लेकर मंत्री झवर सिंह खर्रा को शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस मामले का समाधान जल्द किया जाए ताकि उनके परिवार की रोजी-रोटी पुनः बहाल हो सके।


प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल


यह मामला नगर निगम और डीएलबी विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। गोविंद सैनी के पक्ष में विधिक राय और जुर्माना भरने के बावजूद दुकान खोलने में हो रही देरी प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और गोविंद सैनी को कब न्याय मिलता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग